राजनीति की लेबोरेटरी यूपी में भाजपा का लिटमस टेस्ट!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 20, 2019 05:58 AM2019-04-20T05:58:19+5:302019-04-20T05:58:19+5:30

इस समय पूरे देश की नजर उत्तर प्रदेश पर लगी हुई है और सबके मन में यही सवाल है कि क्या सपा और बसपा मिलकर भाजपा को चारों खाने चित्त कर पाएंगी?

Political Laboratory BJP's Litmus test in UP! | राजनीति की लेबोरेटरी यूपी में भाजपा का लिटमस टेस्ट!

राजनीति की लेबोरेटरी यूपी में भाजपा का लिटमस टेस्ट!

यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. देशभर में उत्सुकता है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अखिलेश यादव (मुलायम सिंह यादव के पुत्र) की समाजवादी पार्टी (सपा) का 26 साल बाद हुआ समझौता क्या इस चुनाव नतीजे में बदलाव ला सकता है. दो मजबूत क्षेत्रीय दलों का समझौता भारत की राजनीति में एक नया प्रयोग है

हालांकि 1996 में ‘तीसरे मोर्चे’ के रूप में इसका प्रयोग हुआ था कुछ समय के लिए. उत्तर प्रदेश में बाबरी कांड के मात्र 11 महीने बाद विधानसभा के चुनाव हुए और बढ़ती हिंदू एकता से घबराए दोनों जातिवादी दलों बसपा और सपा ने समझौता किया था और इस गठबंधन को 176 सीटें मिली थीं. उसके बाद आज फिर इन दानों दलों ने गठबंधन किया है. 1993 का मत प्रतिशत इस बात की तस्दीक है. लिहाजा अगर 2014 या 2017 में इन दोनों दलों को मिले मत को जोड़ भी दिया जाए तो वह भाजपा के मतों के बराबर या अधिक है और अगर इन्हें चुनाव-शास्त्रीय फॉर्मूले-क्यूब लॉ-के हिसाब से परखा जाए तो यूपी में भाजपा को कम से 50 सीटों का नुकसान हो सकता है. अगर यह प्रयोग उत्तरप्रदेश में सफल रहा तो अन्य राज्यों की जातिगत पार्टियां भी इसे इस्तेमाल कर सकती हैं. 

भाजपा से नाराज हैं दलित और पिछड़ा वर्ग

भाजपा के सत्ता में आने के साथ गाय, बैल या भारत माता के नाम पर जिस तरह से अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को डराया गया है उससे बेहद नाराजगी है. कई बार यह खबर आई कि अमुक जगह अगड़ी जाति के साहेब ने दलितों को उनके घर के सामने से शादी का जुलूस न निकालने की चेतवानी दी है या दलित दुल्हे के घोड़ी पर चढ़ने से नाराज होकर बंदूक निकाल ली है. लिहाजा यूपी के दलित भाजपा को हराने के लिए आगे दिखाई दे रहे हैं. पिछड़ी जातियां भी इस डर से कि भाजपा पिछड़े वर्ग का आरक्षण हटा सकती है पूरी ताकत से इसे हराने में बसपा के साथ है. यानि सिर्फ सामाजिक अंकगणित हीं नहीं रसायन भी सपा-बसपा का साथ दे रहे हैं. हमारी चुनाव पद्धति-एफपीटीपी (फर्स्ट पास्ट द पोस्ट यानि जो पहले खम्बा छुए वही जीता) में दो-दो चार ही नहीं छह और आठ भी होते हैं. 

 

Web Title: Political Laboratory BJP's Litmus test in UP!

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