लाइव न्यूज़ :

नीति आयोग की बैठक: मुख्यमंत्रियों ने कृषि संकट के मुकाबले के लिए केंद्रीय सहयता बढ़ाने की मांग

By भाषा | Updated: June 16, 2019 03:32 IST

नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कृषि में संरचनात्मक सुधारों को लेकर कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय मंत्रियों को लेकर एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने की घोषणा की।

Open in App

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शनिवार को हुई बैठक में राज्यों की ओर से कई महत्वपूर्ण मांगों के साथ साथ कृषि संकट और आपदाओं का समाना करने के लिए केंद्रीय सहायता बढ़ाए जाने पर विशेष बल दिया गया। कुछ राज्यों ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को अपनाने में राज्यों को राजस्व हानि की भरपायी की व्यवस्था को पांच साल से और आगे बढ़ाए जाने की मांग की। पांच साल की यह अवधि 2021-22 में पूरी हो रही है।

नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कृषि में संरचनात्मक सुधारों को लेकर कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्रीय मंत्रियों को लेकर एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने की घोषणा की। परिषद की पांचवीं बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने राज्य के विभाजन और उस पर कर्ज के भारी बोझ की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उसे विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की।

उन्होंने प्रधानमंत्री से भारतीय जनता पार्टी के 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए इस आशय के वायदे को ‘उदारता’ के साथ पूरा करने का आग्रह किया। केरल के मुख्यमंत्री पेनराई विजयन ने कहा कि नीत आयोग से सहायता की जो उम्मीद थी, वह उसको पूरा नहीं कर सका है और यह पूर्ववर्ती योजना आयोग की जगह नहीं भर पाया है।

इससे पहले बैठक के उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘‘सबका साथ , सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है।’’ राष्ट्रपति भवन में हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को सूखा राहत देने के लिए फसल की क्षति की सीमा को 33 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत किए जाने का सुझाव दिया।

उन्होंने गृह मंत्रालय से अपील की कि नक्सल प्रभावित चंदौली और सोनभद्र जिलों से सीआपीएफ की कंपनियां नहीं हटायी जाएं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश का ध्यान खेती पर होना चाहिए। उन्होंने हाल के फोनी तूफान से राज्य में तबाही का जिक्र किया और सुझाव दिया कि प्राकृतिक आपदा को भी विशेष राज्य के दर्जे का एक आधार बनाया जाना चाहिए।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बाढ़ जैसी प्राकृतक आपदाओं के समय प्रभावित राज्य को केंद्रीय साहयता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जीएसटी में राजस्व हानि की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था 2021-22 से आगे भी जारी रखने की मांग की। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को छोड़कर लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह स्वास्थ्य कारणों से इसमें शामिल नहीं हुए जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी जर्मनी में होने के कारण बैठक में नहीं आ सके। 

टॅग्स :नीति आयोगमोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत'संचार साथी' ऐप को प्रियंका गांधी ने बताया जासूसी ऐप, बोलीं- "देश को तानाशाही में बदलने की कोशिश"

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत