महापंचायत के लिये एकत्र लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया

By भाषा | Updated: June 30, 2021 21:47 IST2021-06-30T21:47:45+5:302021-06-30T21:47:45+5:30

Police used force on people gathered for Mahapanchayat | महापंचायत के लिये एकत्र लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया

महापंचायत के लिये एकत्र लोगों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया

फरीदाबाद, 30 जून हरियाणा के फरीदाबाद जिले के लकरपुर खोरी गांव में महापंचायत के दृष्टिगत एकत्र हुये लोगों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने बल प्रयोग किया, जहां उच्चतम न्यायालय ने हजारों अवैध ढांचे को हटाने का आदेश दिया है ।

गौरतलब है कि गांव के निकट अरावली वन क्षेत्र में करीब दस हजार अवैध आवासीय ढांचे हैं जिसे हटाने का उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है ।

पुलिस ने बताया कि लोगों ने उन पर पथराव किया जिससे इस हादसे में कुछ लोग घायल हो गये ।

हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को गांव में प्रवेश करने से पुलिस ने रोक दिया । चढूनी को गांव में 'महापंचायत' को संबोधित करना था, जिसे स्थानीय लोगों ने बुलाया था । इस महापंचायत में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर भी चर्चा होनी थी ।

पुलिस ने बताया कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुये पुलिस ने जब भीड़ को जमा होने से रोकने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्हें तितर बितर करने के लिये बल प्रयोग करना पड़ा ।

पुलिस उपायुक्त अंशु सिंगला ने बताया कि पुलिस ने लोगों से सहयोग करने तथा शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने में मदद करने की अपील की ।

उन्होंने कहा, ''हम लोग यहां उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का सम्मान करने के लिये हैं । हम लोग केवल उतनी ही कार्रवाई कर रहे हैं जितना अदालत के आदेश का पालन करने के लिये जरूरी है।''

संवाददाताओं से बातचीत करते हुये चढूनी ने कहा कि अधिकारियों ने इलाके में बिजली एवं जलापूर्ति बंद कर दी है।

उन्होंने बताया, ''एक लाख लोग एक दिन में वहां नहीं बस गये हैं । वे लोग यहां चार दशकों से हैं । उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये जिन्होंने सालों तक उन्हें बसने दिया । जब लोग वहां बस रहे थे तो सरकार ने अपनी आंखें क्यों बंद कर ली थी ।''

उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश से जो लोग प्रभावित हो रहे हैं, सरकार को उन लोगों का पुनर्वास करना चाहिये । स्थानीय लोगों ने भी पुनर्वास की मांग की है ।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, ''हम अपने प्रतिनिधि चुनने के लिये अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं । अब उन्हें आगे आना चाहिये और सरकार से हमारे पुनर्वास के लिये आग्रह करना चाहिये ।''

इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि एक सर्वेक्षण किया गया है और यह पता चला कि 3400 लोग ऐसे हैं जो हरियाणा के मतदाता हैं ।

उन्होंने कहा कि कुल मिला कर 1400 परिवार हरियाणा के मतदाता हैं और उन्हें डाबुआ कॉलोनी के फ्लैटों में पुनर्वास का विकल्प दिया गया है और इस संबंध में आपैचारिकतायें पूरी की जा रही हैं ।

उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले अपने आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया । शीर्ष अदालत ने हरियाणा सरकार एवं फरीदाबाद नगर निगम को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था और कहा था कि अदालत चाहती है कि वन भूमि को खाली कराया जाये।

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Web Title: Police used force on people gathered for Mahapanchayat

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