रामपुर पुलिस ने राज्य सरकार को एक घटना के संबंध में अवगत कराया है, उन्होंने वरिष्ठ समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के खिलाफ अभियोजन मंजूरी मांगी गई है, जिसमें उन्होंने पिछले साल जून में सीआरपीएफ के कर्मियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी बात को बताया है। आजम खान ने पिछले साल सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जिस पर अब उनके खिलाफ अभियोजन भेजा है। पुलिस ने आजन खान के खिलाफ केस करने के लिए यूपी सरकार से मंजूरी मांगी है।
दरअसल खान ने रामपुर में एसपी कार्यालय में पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था कि महिलाएं जवानों की हत्या कर रही है, महिलाओं का ये कदम हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करने के पीछे कोई वजह है। आजम खान ने कहा कि दशहतगर्द आम तौर पर हाथ काट कर ले जाते हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर में एक मौके पर महिला दहशतगर्दों ने फौज का प्राइवेट पार्ट काट दिया और साथ ले गये, उन्हें हाथ से शिकायत नहीं थी, सर से नहीं थी, पैर से नहीं थी, जिस्म के जिस हिस्से से शिकायत थी उसे काट कर ले गये, ये इतना बड़ा संदेश है, जिसपर पूरे हिन्दुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए।
आजन के इस बयान के तीन दिन बाद बीजेपी के पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना आईपीसी की धारा 153 ए और 505 के तहत सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच के दौरान तीन सीडी भाषण की मिली थीं, जो जांच के लिए उसी समय भेज दी गई थीं। अब सीडी के जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है जिसमें उनके भाषण को सही बताया गया है।
वहीं, इस मामले पर सिविल लाइन पुलिस इंस्पेक्टर ब्रिजेश ने कहा है कि सीडी मीडिया हाउस से प्राप्त की गई थी जिसकी "जांच पूरी होने के बाद अभियोजन पक्ष के स्वीकृति की मांग पत्र भेजा गया था।