हनुमान जयंती के मौके पर हरिद्वार में पथराव करने वाले 9 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2022 08:18 PM2022-04-17T20:18:09+5:302022-04-17T20:23:46+5:30
हरिद्वार जिला प्रशासन ने मुस्लिम बहुल डंडा जलालपुर इलाके में हनुमान जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प और पथराव के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है ताकि तनाव को कम किया जा सके।
देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने हनुमान जयंती के मौके पर शनिवार की रात हरिद्वार के डंडा जलालपुर में दो समुदायों के बीच हुए पथराव के मामले में तेरह मुसलमानों पर मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से नौ को गिरफ्तार भी कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक हरिद्वार जिला प्रशासन ने मुस्लिम बहुल डंडा जलालपुर इलाके में हनुमान जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प और पथराव के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है ताकि तनाव को कम किया जा सके।
खबरों के अनुसार पथराव के बाद भगवानपुर थाना क्षेत्र में पुलिस और प्राशासनिक अधिकारी लगातार चक्रमण कर रहे हैं और एआईयू की सूचना के आधार पर पुलिस टीम लगातार छापेमारी करके घटना में शामिल अन्य आरोपियों को तलाश रही है।
इस संबंध में डीआईजी कर्ण सिंह नागन्याल ने बताया, “हिंदू संगठन की योजना के मुताबिक हनुमान जुलूस दोपहर में लगभग 3 बजे निकलने वाला था, लेकिन किन्हीं कारणों से आयोजकों को जुलूस निकालने में देरी हुई और फिर जुलूस शाम 6 बजे निकाला गया। लगभग 8.10 बजे के आसपास जब जुलूस धार्मिक नारे लगाते हुए मुस्लिम बहुल से गुजर रहा था। तभी कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जुलूस पर पथराव कर दिया गया। हालांकि जुलूस के साथ चल रही पुलिस टीम ने फौरन मामले को नियंत्रित कर लिया लेकिन तब तक पथराव में लगभग 2-3 लोग घायल हो चुके थे।”
डीआईजी नागन्याल ने कहा, “मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज की और पथराव के लिए जिम्मेदार नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए सभी लोग स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। घटना के बाद से फरार अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और उनकी भी गिरफ्तारी जल्द ही हो जाएगी।"
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एफआईआर में धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना), 195 ए (किसी भी व्यक्ति को झूठी सूचना देने की धमकी देना), 147 (दंगा) और 148 (दंगा और घातक हथियार से लैस) के तहत मामले को दर्ज किया गया है।
वहीं पुलिस के दिये जानकारी के अलावा सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल रही है कि रविवार दिन में पुलिस बुलडोजर के साथ घटना स्थल पर पहुंची और मामले में फरार आरोपियों को दिन के अंत तक सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया है।
डीआईजी नागन्याल ने इस तरह की बातों का खंडन करते हुए उसे अफवाह बताया है जबकि भगवानपुर थाने के प्रभारी पीडी भट्ट ने बुलडोजर की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि वहां पर बुलडोजर किसी और कारण के तहत लाया गया थे।
वहीं इस मामले में केस दर्ज कराने वाले पवन कुमार ने कहा कि हनुमान जुलूस लगभग 3 किलोमीटर में निकलनी थी, जिसके लिए बाकायदा प्रशासन से आधिकारिक अनुमति भी ली गई थी।
उन्होंने कहा, “जिस गांव से हनुमान जुलूस गुजर रहा था, वहां लगभग 35 फीसदी मुसलमान हैं और जब हम वहां से गुजर रहे थे तो अचानक जुलूस पर पथराव होने लगा। इसके अलावा नारे भी लगाये लगे लेकिन डीजे की तेज आवाज में वो नारे किसी को सुनाई नहीं दिया। घटना के संबंध में पुलिस एफआईआर दर्ज करा दी गई है और हम सभी पुलिस से मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।"