पांच किलो मुफ्त अनाज योजना सितंबर तक बढ़ाई गई, राजकोष पर 80000 करोड़ रुपये का भार, जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 26, 2022 09:51 PM2022-03-26T21:51:54+5:302022-03-26T21:53:42+5:30
मार्च 2020 में केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की कठिनाइयों को कम करने के प्रयासों के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कवर किए गए 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने के लिए ‘पीएमजीकेएवाई’ की शुरुआत की थी।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से उबरने के हालात के बीच समाज के कमजोर तबके को सहायता प्रदान करना जारी रखने के मकसद से शनिवार को गरीबों को पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने की योजनावधि को अगले छह माह यानी 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।
लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च
इससे राजकोष पर लगभग 80,000 करोड़ रुपये का भार आने की संभावना है। भारत में दो साल पहले सख्त लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद शुरू हुई यह योजना कुछ दिन बाद 31 मार्च को ही समाप्त होने वाली थी। पिछले दो वर्षों में, इस योजना के तहत पहले ही लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और छह महीने के विस्तार के साथ इस पर 80,000 करोड़ रुपये का खर्च और आएगा।
मार्च 2020 में, केंद्र ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करने के लिए - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) योजना शुरू की थी।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-जीकेएवाई योजना को, अगले और छह महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया है।’’ यह इस योजना का छठा चरण होगा। पीएम-जीकेएवाई योजना का पांचवां चरण मार्च 2022 में खत्म होने वाला था।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और अगले छह महीनों में सितंबर 2022 तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे, जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।’’
खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि योजना की अवधि बढ़ाने का फैसला गरीबों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। अतिरिक्त मुफ्त अनाज, एनएफएसए के तहत प्रदान किए जाने वाले 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर दिये जाने वाले सामान्य राशन कोटे से अतिरिक्त है।
लगभग 759 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न आवंटित किया था
बयान में कहा गया है, ‘‘भले ही कोविड-19 महामारी काफी हद तक समाप्त हो गई है और आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं, लेकिन पीएम-जीकेएवाई योजना का विस्तार यह सुनिश्चित करेगा कि स्थिति सुधार के दौर में कोई भी गरीब परिवार बिना भोजन के बिस्तर पर न जाए।’’ सरकार ने पांचवें चरण तक पीएम-जीकेएवाई के तहत लगभग 759 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न आवंटित किया था।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस विस्तार (छठा चरण) के तहत 244 लाख टन मुफ्त खाद्यान्न के साथ, पीएम-जीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न का कुल आवंटन अब तक 1,003 लाख टन खाद्यान्न हो गया है।’’ देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों से 'वन नेशन वन राशन कार्ड' (ओएनओआरसी) योजना के तहत किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन का लाभ उठाया जा सकता है। अब तक, घर से दूर रहने वाले 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को लाभान्वित किया है।
खाद्य मंत्रालय ने कहा, “यह सरकार द्वारा सदी की सबसे खराब महामारी के बावजूद अब तक की सबसे अधिक खरीद तथा किसानों को अब तक किये गये सबसे अधिक भुगतान के साथ के कारण संभव हुआ है।” बयान में कहा गया कि कृषि क्षेत्रों में इस रिकॉर्ड उत्पादन के लिए भारतीय किसान - 'अन्नदाता' बधाई के पात्र हैं। शुरुआत में सरकार ने इस योजना के तहत एक किलो दाल भी बांटी थी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया।
मुफ्त अनाज योजना के विस्तार से नागरिकों की ताकत बढ़ेगी: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत की ताकत प्रत्येक नागरिक की शक्ति में है और सरकार ने इस शक्ति को बढ़ाने के लिए अपने मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम को छह महीने और बढ़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना को अब सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। योजना का विस्तार होने से 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह लाभ प्राप्त करना जारी रखेंगे।
केंद्र ने गरीबों को राहत देने के लिए मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को इस साल सितंबर तक छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया।