Ukraine & Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने डिजिटल माध्यम से बैठक की। ऑनलाइन बैठक के दौरान कहा कि हम एक सशक्त और प्रगतिशील रक्षा साझेदारी को साझा करते हैं। विश्व के दो सबसे पुराने और बड़े लोकतंत्र के तौर पर हम स्वाभाविक साझेदार हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन के साथ डिजिटल बैठक में कहा कि हमारे बीच वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जब यूक्रेन में हालात बेहद परेशान करने वाले हैं। बुचा में हाल में निर्दोष नागरिकों की हत्या की खबरें बेहद चिंताजनक। हमने तत्काल इसकी निंदा की और पारदर्शी जांच की मांग की।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी बातचीत से शांति का रास्ता निकलेगा। मैं आपके गर्मजोशी भरे शब्दों के लिए आभार प्रकट करता हूं। आज हमारे रक्षा और विदेश मंत्री कुछ देर बाद 2+2 फॉर्मेट में मिलेंगे, उससे हमारी ये मुलाकात उनकी बातचीत को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्चुअल मुलाकात की पहल आपने की इसके लिए भी मैं आपका अभिनंदन करता हूं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आपसे मिलना हमेशा खुशी का विषय होता है। आपके 2 मंत्री और राजदूत यहां मौजूद हैं। हम वैश्विक संकटों, कोविड महामारी, स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियों पर मिलकर काम कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में मज़दूत साझेदार हैं।
हमारे लगातार परामर्श और संवाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को लगातार मज़बूत और घनिष्ठ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नेचुरल पार्टनर हैं और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, जो नया मोमेंटम बना है जिसकी शायद आज से 1 दशक पहले भी कल्पना करना मुश्किल था।
पिछले साल सिंतबर में जब मैं वांशिगटन आया था तब आपने कहा था कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप बहुत सी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है और मैं आपकी इस बात से पूर्णतया सहमत हूं। यूक्रेन के लोग जो भीषण हमले का शिकार हो रहे हैं, उनके लिए भारत की मानवीय सहायता का मैं स्वागत करना चाहता हूं।
हाल में बूचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की खबर बहुत ही चिंताजनक थी। हमने इसकी निंदा की और एक निष्पक्ष जाँच की मांग भी की है। हम आशा करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा।
मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार फ़ोन पर बातचीत की। मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की बल्कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत का सुझाव भी दिया। हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है।
इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हम अपने डिप्लोमेटिक रिलेशन्स की 75वीं सालगिरह भी मना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की अगले 25 सालों की विकास यात्रा में अमेरिका के साथ हमारी मित्रता एक अभिन्न अंग रहेगी।