मोदी ने कहा, झारखंड प्रकृति के करीब है और योग इंसान को एक अलग ही एहसास कराता है
By भाषा | Published: June 21, 2019 01:05 PM2019-06-21T13:05:04+5:302019-06-21T13:05:04+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य आयोजन में शामिल होते हुए अपने संबोधन में कहा, ‘‘झारखंड में योग दिवस के लिए आना अपने-आप में बहुत सुखद अनुभव है। आप लोग बहुत सुबह ही अपने घरों से निकलकर दूर-दूर से यहाँ आए हैं, मैं आप सभी का आभारी हूँ। बहुत से लोगों के मन में आज ये सवाल है कि मैं पांचवां योग दिवस मनाने के लिए आज रांची ही क्यों आया हूँ?’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में करने के तीन कारण स्वयं गिनाते हुए कहा कि झारखंड प्रकृति के बहुत करीब है और योग और प्रकृति का तालमेल इंसान को एक अलग ही एहसास कराता है।
PM Narendra Modi at Prabhat Tara ground in Ranchi: I extend my good wishes to all of you, in India & across the globe, on the occasion of #InternationalDayofYoga . Today, lakhs of people have gathered in different parts of the world to celebrate Yoga Day. #Jharkhandpic.twitter.com/KzMhIEYVRV
— ANI (@ANI) June 21, 2019
साथ ही यही वह प्रदेश है जहां से पिछले साल 23 सितम्बर को हमने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी और तीसरे आदिवासी और ग्रामीण समाज तक योग को हर हाल में पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य आयोजन में शामिल होते हुए अपने संबोधन में कहा, ‘‘झारखंड में योग दिवस के लिए आना अपने-आप में बहुत सुखद अनुभव है। आप लोग बहुत सुबह ही अपने घरों से निकलकर दूर-दूर से यहाँ आए हैं, मैं आप सभी का आभारी हूँ। बहुत से लोगों के मन में आज ये सवाल है कि मैं पांचवां योग दिवस मनाने के लिए आज रांची ही क्यों आया हूँ?’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाइयों और बहनों, रांची से मेरा लगाव तो है ही, लेकिन आज मेरे लिए रांची आने की तीन और बड़ी वजह हैं। पहला- जैसा कि झारखंड के नाम में ही ये वन प्रदेश है, प्रकृति के बहुत करीब है और योग और प्रकृति का तालमेल इंसान को एक अलग ही एहसास कराता है।
दूसरी बड़ी वजह यहां आने की ये थी कि रांची और स्वास्थ्य का रिश्ता अब इतिहास में दर्ज है। पिछले साल 23 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म-जयंती के निमित्त यहां से ही हमने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना बहुत कम समय में गरीबों के लिए बहुत बड़ा संबल बनी है।
भारतीयों को आयुष्मान बनाने में योग का जो महत्व है, उसे भी हम भली-भाँति जानते हैं, समझते हैं इसलिए भी आज रांची आना मेरे लिए विशेष है।’’ मोदी ने कहा कि अब योग के अभियान को मुझे और हम सबको मिल करके एक अलग स्तर पर ले जाना है, इसे आदिवासी समाज और गरीबों तक पहुंचाना है और यही रांची आने की मेरी तीसरी और सबसे बड़ी वजह भी है। उन्होंने कहा, ‘‘साथियों, योग हमारे देश में हमेशा से रहा है, हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है।
यहां झारखंड में भी जो ‘छऊ नृत्य’ होता है, उसमें आसनों और मुद्राओं को व्यक्त किया जाता है। लेकिन ये भी सच है कि आधुनिक योग की जो यात्रा है, वो देश के ग्रामीण और आदिवासी अंचल में अभी उस तरह नहीं पहुंची है, जैसी पहुंचनी चाहिए थी।
अब मुझे और हम सब को मिल करके आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों की तरफ, जंगलों की तरफ, दूर-सुदूर आखिरी इंसान तक ले जानी है।’’ उन्होंने कहा कि गरीब और आदिवासी के घर तक योग को पहुंचाना है।
मुझे योग को गरीब और आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है क्योंकि ये गरीब ही है जो बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट पाता है। ये बीमारी है जो गरीब को और गरीब बना देती है। इसलिए ऐसे समय में जब देश में गरीबी कम होने की रफ्तार बढ़ी है, योग उन लोगों के लिए भी एक बड़ा माध्यम है जो गरीबी से बाहर निकल रहे हैं। उनके जीवन में योग की स्थापना का मतलब है उन्हें बीमारी और गरीबी के चंगुल से बचाना।