मुंबई, 26 जूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में कांग्रेस पर देश में आपातकाल लगाने के लिए जमकर हमला बोला। उन्होंने मंगलवार को मुंबई में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा एक परिवार को खुशी रखने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था। इससे पूरा देश भयभीत था। वही लोग आज देश में भय की बात कर रहे हैं। लोकतंत्र की बात रहे हैं। पीएम के अनुसार कांग्रेस ने चीफ जस्टिस पर महाभियोग लेकर आई, यह भी आपातकाल का ही एक रूप है। उल्लेखनीय है कि आज दे दिन ही पूर्ण रूप से इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लागू किया था।
इमरजेंसी पर बोलते हुए मोदी ने कहा, 'इस वक्त कांग्रेस कह रही है कि इस वक्त देश हमीं बचा सकते हैं। महात्मा गांधी, जैसे महापुरुषों की आजादी के लिए इतना समपर्पण था, लेकिन वर्तामान में कांग्रेस को लगता है कि जो चीज उनके लिए ठीक है तो वो काम ठीक है वरना सब कुछ भी ठीक नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'सत्ता के सुख के मोह में कांग्रेस ने जुडिशियरी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाया है। इमरेजेंसी एक परिवार की सुख-सुविधा के लिए लागू किया गया था। जजों को डराने के लिए महाभियोग का डर दिखाया गया। इसलिए देश को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ेगा। इमरजेंसी और महाभियोग कांग्रेस की एक मानसिकता है। आपातकाल के समय नयायपालिका को भयभीत कर दिया था, जो लोकतंत्र के प्रति समर्पित थे उनको मुसीबत झेलने के लिए मजबूर कर दिया गया था और जो लोग एक परिवार के पक्ष में थे उनकी पांचों उंगलियां घी में थी।'
उन्होंने कहा, 'कभी कांग्रेस 400 पर था जो अब 44 पर आ गई है। जिसका दोष अब वो ईवीएम पर निकालता है। राजीव गांधी ने मीडिया पर कैसा व्यवहार किया था सभी को मालूम था। छोटी-छोटी बातों पर मीडिया वाले हमें डराते हैं। लेकिन आपातलकाल के दौरान राजीव गांधी ने अच्छे पत्रकारों को भी झुकना पड़ा था। जब-जब कांग्रेस पार्टी को और खासकर एक परिवार को अपनी कुर्सी जाने का संकट महसूस हुआ है तो उन्होंने चिल्लाना शुरू किया है कि देश संकट से गुज़र रहा है, देश में भय का माहौल है और देश तबाह हो जाने वाला है और इसे सिर्फ हम ही बचा सकते हैं।'
पीएम ने कहा, 'आपातकाल के दौरान कुछ मीडिया वाले ऐसे जो अपनी निर्भिकता से डटे रहे। किशोर कुमार के साथ आपातकाल में क्या हुआ। कांग्रेस वालों ने किशोर कुमार को भी नहीं बक्शा था। उनका गुनाह इतना था कि वो गाने के लिए मना कर दिया था तो रेडियो पर उनका गाना बंद कर दिया था।'
पीएम के अनुसार, 'एक परिवार के लिए संविधान का किस प्रकार से साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, शायद ही ऐसा उदाहरण कहीं मिल सकता है। देश ने कभी सोचा तक नहीं था कि सत्ता सुख के मोह में और परिवार भक्ति के पागलपन में, लोकतंत्र और संविधान की बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग हिन्दुस्तान को जेलखाना बना देंगे।'पीएम के मुताबिक, 'कोई ये समझने की गलती ना करे कि हम सिर्फ देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करने के लिए काले दिन का स्मरण करते हैं। हम देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी को जागरूक करना चाहते हैं, हम लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सज्ज रखने के लिए इसका स्मरण करते हैं।'
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अपने भाषण में पीएम मोदी ने आपातकाल को याद करने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा, 'देश को चलाना होगा तो संविधान से चलाना होगा। संविधान के प्रति श्रद्धा पनपे ऐसा करना होगा। संविधान किताब नहीं, देश के उज्जवल भविष्य का सहारा है। कांग्रेस को लोकतंत्र की महक का अंदाजा नहीं था। मोदी ने कहा कि भारत के सामान्य मानवीय के रगो में लोकतंत्र का खून दौड़ता है। इमरजेंसी के दौरान संसदीय प्रक्रियाएं खत्म कर दी गई थी। लोकतंत्र का ढप्पा लगाने के लिए चुनाव का ड्रामा किया गया था। इमरजेंसी के दौरान चुनाव हुआ तो क्रांति हो गई। तब कुछ नेता चुनाव का बहिष्कार करना चाहते हैं। पीएम मोदी बता रहे हैं कि इमरजेंसी के दौरान वो बहुत सक्रिय नेता थे। संविधान के प्रति हमारे समर्पण को, दलित, पीडित और शोषित सभी लोगों को एक समान लाना है। 25-26 जून को लोग लोकतंत्र और संविधान के प्रति जागरूक रहें।'
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इससे पहले उन्होंने कहा, 'अवसंरचना निर्माण के लिए संसाधन खोजने की चुनौती है , इसमें एआईआईबी की भूमिका अहम हो सकती है। एआईआईबी की ब्याज दरों का रियायती और वहनीय होना जरूरी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक चमकदार पुंज की तरह उभरा है। मोदी ने एआईआईबी से कहा कि वह अपने ऋण खाते को दस गुना बढ़ाकर 2020 तक 40 अरब डॉलर और 2025 तक 100 अरब डॉलर करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजकोषीय स्थिति नियंत्रण में है और मेरी सरकार राजकोषीय समेकन के लिए प्रतिबद्ध है।'