लाइव न्यूज़ :

1969 में ही गुजरात के मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था?, बचपन के दोस्त दशरथभाई पटेल ने कहा- कैसे मोदी स्कूल में रहते हुए वडनगर रेलवे स्टेशन पर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 17, 2025 14:59 IST

पटेल ने बताया कि कैसे मोदी स्कूल में रहते हुए वडनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चाय बेचने के लिए एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाते थे, जहां उनके पिता की चाय की दुकान थी।

Open in App
ठळक मुद्देप्राथमिक विद्यालय से लेकर विसनगर (मेहसाणा जिले में) कॉलेज तक साथ-साथ पढ़ाई की।आरएसएस की शाखाओं में साथ-साथ जाते थे।सभी ने सूरत के स्वादिष्ट व्यंजन उंधियू का आनंद लिया।

वडनगरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर निवासी और उनके बचपन के दोस्त दशरथभाई पटेल ने बताया कि मोदी ने 2001 में मुख्यमंत्री पद संभालने से तीन दशक से भी पहले 1969 में ही गुजरात के मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री की साधारण पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए, पटेल ने बताया कि कैसे मोदी स्कूल में रहते हुए वडनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चाय बेचने के लिए एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाते थे, जहां उनके पिता की चाय की दुकान थी।

प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन के मौके पर पटेल ने कहा, ‘‘मोदी और मैंने प्राथमिक विद्यालय से लेकर विसनगर (मेहसाणा जिले में) कॉलेज तक साथ-साथ पढ़ाई की। हम आरएसएस की शाखाओं में साथ-साथ जाते थे। मोदी और उनके दोस्त एक बार मेरे खेत पर आए थे और हम सभी ने सूरत के स्वादिष्ट व्यंजन उंधियू का आनंद लिया। हम स्कूल के नाटकों में भी हिस्सा लेते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘1969 में, मोदी और मैं वडनगर (प्रधानमंत्री के गृहनगर) में जुड़वां बहनों और गायिकाओं, ताना और रीरी के एक छोटे और जीर्ण-शीर्ण स्मारक के पास से गुजर रहे थे। उस समय, मोदी ने मुझसे कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वह इस स्मारक का जीर्णोद्धार करेंगे। उन्होंने कई वर्षों तक इस सपने को जीवित रखा।

जब वह अंततः (2001 में) मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने अपना वादा निभाया और स्मारक के जीर्णोद्धार का आदेश दिया।’’ पटेल ने बताया कि उनके पिता वडनगर स्टेशन पर एक दुकान चलाते थे, जहां मोदी के पिता की चाय की दुकान थी। पटेल ने कहा, ‘‘स्टेशन पर केवल दो ट्रेनें आती थीं, एक सुबह और दूसरी शाम को।

यह तब की बात है जब हम स्कूल में थे। हाथ में केतली लिए, मोदी एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाकर रेल यात्रियों को चाय बेचते थे।’’ पटेल ने बताया कि कैसे मोदी एक बार वडनगर की शर्मिष्ठा झील से एक मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर घर ले आए थे, लेकिन बाद में अपनी मां हीराबा के कहने पर उसे वापस जलाशय में छोड़ दिया था।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीगुजरातBJP
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

ज़रा हटकेVIDEO: AAP विधायक गोपाल इटालिया पर जूता फेंका, देखें वायरल वीडियो

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें