नई दिल्ली, 16 फरवरीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी ) के 11,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा। उन्होंने इस बार कहा कि पीएम मोदी ने बच्चों को दो घंटे में बताया कि वे परीक्षा में कैसे पास हों, लेकिन वह 22 हजार करोड़ के बैंकिंग घोटाले पर 2 मिनट नहीं बोलेंगे।
उन्होंने ट्वीट कर कहा ' प्रधानमंत्री मोदी बच्चों के परीक्षा पास करने के बारे में दो घंटे बात करते हैं, लेकिन 22,000 करोड़ रुपये के घोटाले पर दो मिनट नहीं बोलेंगे। श्रीमान जेटली छुपे हुए हैं। ऐसा बर्ताव मत कीजिए कि आप दोषी हैं! बोलिए।'
इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद कहा कि यह घोटाला आठ नवंबर, 2016 को तब शुरू हुआ, जब मोदीजी ने 500 और 1000 रुपये के नोट को अमान्य घोषित कर दिया था। उन्होंने आम लोगों की जेब से सभी पैसे लेकर बैंकिंग प्रणाली में डाल दिया। आश्चर्य की बात है कि मोदीजी (नीरव मोदी) 22 हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए। प्रधानमंत्री एक घंटा 45 मिनट तक विद्यार्थियों को सिखाते हैं कि परीक्षा कैसे दें, लेकिन यह नहीं बताते कि जो रुपये लेकर नीरव मोदी भागे हैं, उसका जवाबदेह कौन है।
राहुल गांधी ने इस मामले पर पीएम मोदी और वित्तमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कई मंत्री सामने आए, सामाजिक न्याय मंत्री, रक्षामंत्री सामने आईं। लेकिन, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री, जो इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं, उन्होंने इसपर एक शब्द नहीं बोला।"
राहुल गांधी ने कमिटी बैठक में हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा था कि इस लेवल का, 22 हजार करोड़ रुपये का घोटाला, जिसे प्रधानमंत्री मोदी नजरअंदाज कर रहे हैं, वह उच्चस्तरीय संरक्षण के बगैर नहीं हो सकता। सरकार के लोगों को निश्चित तौर पर इसके बारे में पहले से मालूम होगा। नहीं तो, यह संभव नहीं है, क्योंकि राशि बहुत बड़ी है।
राहुल गांधी ने कहा था कि अधिकांश घोटाला मई 2015 में शुरू हुआ और 90 प्रतिशत वित्तीय लेन-देन इस सरकार के कार्यकाल में किया गया। यह सरकार लगातार जिम्मेदारी से भाग रही है। संसद के बाहर और भीतर इस घोटाले पर तमाम विपक्षी दलों के साथ संयुक्त रुप से मिलकर वह सरकार की घेरेबंदी करेगी।