'वंशवाद की बात आती है तो प्रधानमंत्री पाखंडी हैं', सामना के संपादकीय में पीएम मोदी पर तीखा हमला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 3, 2023 01:03 PM2023-10-03T13:03:08+5:302023-10-03T13:04:48+5:30
सामना में कहा गया है कि पीएम मोदी ओडिशा के नवीन पटनायक या आंध्र प्रदेश के जगमोहन रेड्डी के वंशवादी शासन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। जब राजनीति में वंशवाद की बात आती है तो प्रधानमंत्री कितने पाखंडी हैं।
नई दिल्ली: शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला किया गया है। सामना में कहा गया है कि जब वंशवादी शासन की बात आती है तो पीएम मोदी दोहरा रवैया अपनाते हैं। लेख में पीएम को पाखंडी कहा गया है। शिवसेना ने बीजेपी पर भी जोरदार हमला बोला है और कहा है कि भाजपा पूंजीपतियों, व्यापारियों और निवेशकों की सेवा करने वाली एक "प्राइवेट लिमिटेड कंपनी" बन गई है।
अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा कि जैसा कि राहुल गांधी कहते हैं, भाजपा वास्तव में 'हम दो, हमारे दो' तक ही सीमित है। इस निजी कंपनी के पास न तो नीति है और न ही विचारधारा। ऐसी स्थिति में, भाजपा एक पार्टी नहीं बल्कि एक व्यापार केंद्र है। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत सामना के कार्यकारी संपादक हैं।
रविवार को तेलंगाना में पीएम मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया, "प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियां निजी कंपनियों की तरह चलती हैं। उन्होंने कुछ राजनीतिक परिवारों को निजी कंपनियों के रूप में संदर्भित किया। लेकिन सच्चाई यह है कि कई तथाकथित 'निजी कंपनियां' भाजपा द्वारा चलाई जा रही हैं।"
तेलंगाना में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वंशवादी राजनीति के खिलाफ तीखा हमला बोलकर विपक्ष पर हमला किया था। अखबार ने कहा, "जिनमें भावनाएं होती हैं उनके परिवार होते हैं। जिनके पास परिवार नहीं है उनमें भावनाएँ शून्य होती हैं। मोदी के नये सनातन धर्म में परिवार या संयुक्त परिवार व्यवस्था का कोई स्थान नहीं है। मोदी का धर्म अलग है।"
प्रधानमंत्री के भाषण की ओर इशारा करते हुए अखबार ने कहा, "प्रधानमंत्री तेलंगाना जाते हैं, वह वंशवादी शासन और निजी कंपनियों पर हमला करते हैं। हालाँकि, सच्चाई यह है कि वह ओडिशा के नवीन पटनायक या आंध्र प्रदेश के जगमोहन रेड्डी के वंशवादी शासन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में पार्टियां निजी कंपनियों के रूप में चल रही हैं और मोदी सरकार को समर्थन दे रही हैं। इससे पता चलता है कि जब राजनीति में वंशवाद की बात आती है तो प्रधानमंत्री कितने पाखंडी हैं।"