"पीएम मोदी ने उर्जित पटेल की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठने वाले सांप' से की थी, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने अपनी किताब में बताया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 24, 2023 05:53 PM2023-09-24T17:53:44+5:302023-09-24T17:57:15+5:30

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी पुस्तक 'We Also Make Policy’ में खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठने वाले सांप' से की थी।

"PM Modi had compared Urjit Patel to a 'snake sitting on a pile of money', former finance secretary Subhash Garg told in his book | "पीएम मोदी ने उर्जित पटेल की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठने वाले सांप' से की थी, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने अपनी किताब में बताया

फाइल फोटो

Highlightsपीएम मोदी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल की तुलना सांप से की थीपूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी पुस्तक 'We Also Make Policy’ में किया इस बात का खुलासाफरवरी 2018 की शुरुआत में ही मोदी सरकार की तत्कालीन आरबीआई चीफ उर्जित पटेल के साथ मतभेद बढ़ गये थे

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल की तुलना 'पैसे के ढेर पर बैठने वाले सांप' से की थी। यह खुलासा पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी पुस्तक 'We Also Make Policy’ में किया है।

पूर्व वित्त सचिव की किताब के कुछ अंश एक समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए हैं, जिसमें गर्ग ने अपनी किताब के माध्यम से कहा कि फरवरी 2018 की शुरुआत में ही नरेंद्र मोदी सरकार की तत्कालीन आरबीआई चीफ उर्जित पटेल के प्रति 'हताशा' बढ़ गई थी  और यह स्थिति एक महीने बाद तब और भयावह हो गई, जब उर्जित पटेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार का राष्ट्रीयकृत बैंकों पर इतना दबाव था कि निजी क्षेत्र के बैंकों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर आरबीआई के पास पर्याप्त विनियामक अधिकार नहीं रह गये थे।

इसके साथ ही सुभाष गर्ग ने अपनी किताब में यह भी कहा कि उर्जित पटेल ने कथित तौर पर यह कहकर केंद्र की चुनावी बांड योजना को बाधित करने की कोशिश की थी, उसे केवल आरबीआई द्वारा जारी किया जाना चाहिए और वह भी डिजिटल मोड में। उसके बाद उसी वर्ष जून में पटेल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के सरकार के फैसले से मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव में संभावित वृद्धि का हवाला देते हुए रेपो रेट बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था। उसके तीन महीने बाद आईबीआई गवर्नर पटेल ने रेपो रेट 25 फीसदी तक बढ़ा दिया। जिसके कारण सरकार पर बैंकों में लाखों करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालने का दबाव बढ़ गया।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइ्स के अनुसार गर्ग ने किताब में बताया है कि उर्जित पटेल की कार्यप्रणाली से तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली बेहद आहत हुए। 14 सितंबर 2018 को पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई एक बैठक के दौरान उर्जित पटेल ने एक प्रस्तुति दी जिसमें उन्होंने दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को खत्म करने, विनिवेश लक्ष्यों को बढ़ाने और भारत सरकार में निवेश करने के लिए बांड और कई कंपनियों के लंबित बिलों का भुगतान करने सहित समाधान करने की सलाह दी गई।

इसके साथ ही सुभाष गर्ग ने अपनी किताब में दावा किया कि तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बेहद निराशा में गर्वनर उर्जित पटेल द्वारा पेश किये गये समाधान को पूरी तरह से अव्यवहारिक और आम तौर पर अवांछनीय बताया था।

गर्ग ने अपनी किताब में बताया है कि इन सब विवादों के कारण केंद्र और आरबीआई के बीच तनाव का असर पीएम मोदी पर भी पड़ा, क्योंकि बतौर आरबीआई गवर्नर उन्होंने उर्जित पटेल को चुना था और इस कारण उनका बचाव करते थे। पूर्व वित्त सचिव ने दावा किया कि तत्कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ उर्जित पटेल की बातचीत एकदम बंद हो गई थीं, जिसके कारण दोनों के बीच संवाद का काम प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के तत्कालीन अतिरिक्त प्रधान सचिव पीके मिश्रा किया करते थे।

पूर्व वित्त सचिव ने अपनी किताब मे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त महकमे की 'स्थिति से परेशान' थे। गर्ग ने किताब में लिखा, "पीएम मोदी ने आकलन किया कि आरबीआई में पटेल आर्थिक स्थितियों से निपटने में सक्षम नहीं है और वो आर्थिक स्थिति को संभालने के साथ सरकार के साथ अपने मतभेदों को दूर करने के लिए भी तैयार नहीं थे।

इन्हीं सब बातों को लेकर नाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनपीए परिसंपत्तियों के समाधान पर आरबीआई के रुख और उसके समाधान खोजने के तरीकों में अड़ियल और अव्यवहारिक रवैये को लेकर उर्जित पटेल की आलोचना की। उन्होंने एलटीसीजी कर को वापस लेने के प्रस्ताव के लिए गवर्नर की आलोचना की और वित्तीय वर्ष के मध्य में राजकोषीय घाटे में और कटौती करने के लिए कहा था।

गर्ग ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उर्जित पटेल की तुलना "धन के ढेर पर बैठने वाले उस सांप से की, जो आरबीआई के संचित भंडार को किसी भी उपयोग में लेने के लिए तैयार नहीं थे।"

Web Title: "PM Modi had compared Urjit Patel to a 'snake sitting on a pile of money', former finance secretary Subhash Garg told in his book

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