पीएम मोदी ने पुरस्कार में मिलने वाली राशि नमामि गंगे योजना में देने की घोषणा की, लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने को सौभाग्य बताया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 1, 2023 02:05 PM2023-08-01T14:05:58+5:302023-08-01T14:07:26+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार के रूप में मिलने वाली राशि को पीएम मोदी ने नमामि गंगे योजना में देने की घोषणा की।
पुणे: मंगलवार, 1अगस्त को पुणे में तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार के रूप में मिलने वाली राशि को पीएम मोदी ने नमामि गंगे योजना में देने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी दीपक तिलक के हाथों पुरस्कार लेने के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं यह अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। इस अवार्ड के साथ जो धनराशि मुझे दी गई है, वो भी मैं गंगा जी को समर्पित कर रहा हूं।"
लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
— BJP (@BJP4India) August 1, 2023
मैं यह अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं।
इस अवार्ड के साथ जो धनराशि मुझे दी गई है, वो भी मैं गंगा जी को समर्पित कर रहा हूं।
- प्रधानमंत्री श्री @narendramodi
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पीएम मोदी ने आगे कहा, अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, "संस्कृति और मान्यताएं पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया। इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल तिलक जी को लोकमान्यता दी, बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया। स्वयं महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा था।"
तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर दिए जाने वाले लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एनसीपी नेता शरद पवार ने भी मंच साझा किया। शरद पवार का मंच साझा करना सुर्खियों का केंद्र भी बना। दोनों नेताओं ने एक दूसरे का हाल चाल भी लिया।
इस दौरान शरद पवार ने कहा कि अब सर्जिकल स्ट्राइक पर चर्चा हो रही है। लेकिन लाल महल में पहली सर्जिकल स्ट्राइक शिवाजी महाराज के समय में हुई थी। पवार ने कहा कि जब लोकमान्य ने पुणे में प्रवेश किया तो उन्होंने एक माहौल बनाया कि यदि ब्रिटिश बेड़ियां तोड़नी हैं तो आम लोगों को जागना होगा।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भले ही बीजेपी के साथ जाने के कोई संकेत न दिए हों लेकिन मंच साझा करने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल है। सबसे ज्यादा बेचैनी उद्धव ठाकरे खेमे में है। पवार फिलहाल विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A का हिस्सा हैं। कांग्रेस और महाराष्ट्र के दूसरे विपक्षी दल पवार को इस समारोह में जाने से रोकना चाहते थे। लेकिन पवार ने किसी को मिलने का मौका ही नहीं दिया।