बुद्ध पूर्णिमा पर देशवासियों से बोले पीएम मोदी, लॉकडाउन में आपसे बात करके मुझे संतोष है, पढ़ें कोरोना योद्धाओं के लिए प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
By पल्लवी कुमारी | Published: May 7, 2020 09:14 AM2020-05-07T09:14:13+5:302020-05-07T09:14:13+5:30
बुद्ध पूर्णिमा पर वेसाक दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, बुद्धत्व की प्राप्ति और उनके महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बुद्ध पूर्णिमा का पर्व लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से मनाया जाएगा। यह पर्व संक्रमण से मारे गए लोगों की याद में और कोरोना-19 योद्धाओं के सम्मान में मनाया जा रहा है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ऑनलाइन वेसाक वैश्विक समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आप सभी को और विश्वभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की, वेसाक उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। पीएम मोदी ने कहा, 'भगवान बुद्ध का वचन है- मनो पुब्बं-गमा धम्मा, मनोसेट्ठा मनोमया, यानि,धम्म मन से ही होता है, मन ही प्रधान है, सारी प्रवृत्तियों का अगुवा है।' पीएम मोदी ने कहा, आपके बीच आना बहुत खुशी की बात होती, लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं हैं। इसलिए, दूर से ही, टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपने मुझे अपनी बात रखने का अवसर दिया, इसका मुझे संतोष है।
पीएम मोदी ने कहा, इस मुश्किल परिस्थिति में आप अपना, अपने परिवार का, जिस भी देश में आप हैं, वहां का ध्यान रखें, अपनी रक्षा करें और यथा-संभव दूसरों की भी मदद करें। पीएम मोदी ने कहा, भारत आज प्रत्येक भारतवासी का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास तो कर ही रहा है,अपने वैश्विक दायित्वों का भी उतनी ही गंभीरता से पालन कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के अलावा श्रीलंका के श्री अनुराधापुर स्तूप और वास्कडुवा मंदिर में हो रहे समारोहों का इस तरह एकीकरण,बहुत ही सुंदर है। हर जगह हो रहे पूजा कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण होना अपने आप में अद्भुत अनुभव है।
पीएम मोदी ने कहा, सुप्प बुद्धं पबुज्झन्ति, सदा गोतम सावका यानि जो दिन-रात, हर समय मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं, वही बुद्ध के सच्चे अनुयायी हैं।
India is constantly working to help other countries across the globe and will continue to do the same. To stop after getting tired cannot be a solution to any problem. All of us have to fight together to defeat #Coronavirus: PM Modi pic.twitter.com/Wwsxo9XW9b
— ANI (@ANI) May 7, 2020
पीएम मोदी ने कहा, आज आप भी देख रहे हैं कि भारत निस्वार्थ भाव से, बिना किसी भेद के, अपने यहां भी और पूरे विश्व में, कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मज़बूती से खड़ा है।
Today, India is standing firmly in support of everyone, without any discrimination, who are in need or who are in trouble, in the country or across the globe: PM Narendra Modi. #COVID19pic.twitter.com/KRB3c00JSA
— ANI (@ANI) May 7, 2020
पीएम मोदी ने कहा, ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, कई बार दुःख- निराशा- हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।
पीएम मोदी ने कहा, आपने इस समारोह को कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला कर रहे पूरी दुनिया के हेल्थ वर्कर्स और दूसरे सेवा-कर्मियों के लिए प्रार्थना सप्ताह के रुप में मनाने का संकल्प लिया है। करुणा से भरी आपकी इस पहल के लिए मैं आपकी सराहना करता हूं।
I extend my wishes to all on the occasion of Buddha Purnima. Today, situation is such that I can't participate in Buddha Purnima programs physically. It would have been my pleasure to be with you all in the celebrations,but circumstances prevailing today do not permit us: PM Modi pic.twitter.com/5pfrMH7eOU
— ANI (@ANI) May 7, 2020
पीएम मोदी ने कहा,प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को, संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और समृद्ध किया है। वो अपना दीपक स्वयं बनें और अपनी जीवन यात्रा से, दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित कर दिया है।
Remembering the noble teachings of Lord Buddha. https://t.co/nQWoa5qNX0
— Narendra Modi (@narendramodi) May 7, 2020
पीएम मोदी ने कहा, बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं। सिद्धार्थ के जन्म, सिद्धार्थ के गौतम होने से पहले और उसके बाद, इतनी शताब्दियों में समय का चक्र अनेक स्थितियों, परिस्थितियों को समेटते हुए निरंतर चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है। ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक पवित्र विचार भी है।