ज्योतिषीय 'अंधविश्वास' के खिलाफ जागरूकता फैलाने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज
By भाषा | Published: August 28, 2021 07:57 PM2021-08-28T19:57:20+5:302021-08-28T19:57:20+5:30
मद्रास उच्च न्यायालय ने ज्योतिषीय अंधविश्वास और इस तरह की बुराइयों को खत्म करने के लिये अधिकारियों को व्यापक रूप से जन जागरूकता फैलाने का निर्देश देने की अपील करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को अपनी ज्योतिषीय मान्यताओं पर विश्वास करने, कल्पना करने और विचार करने के लिए कुछ स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। हालांकि, पीठ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य संरक्षक के तौर पर एक ऐसा तंत्र विकसित कर सकता है, जिसके तहत नागरिकों को बेहतर जानकारी दी जा सके और बुरी प्रथाओं को छोड़ा जा सके।मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी औदिकेसवालु की पहली पीठ ने कहा, ''नागरिकों को अधिक वैज्ञानिक व्यवस्था की ओर उन्मुख करने और अंधविश्वासों से दूर ले जाने की याचिकाकर्ता की कोशिश की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन अदालत उस तरह का कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती, जिसकी अपील की गई है। किसी व्यक्ति को इसपर विश्वास करने, कल्पना करने और विचार करने के लिए कुछ स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।'' अदालत ने एके हेमराज की एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में संबंधित प्राधिकारियों, बेंगलुरु में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को ज्योतिष के वैज्ञानिक रूप से सिद्ध सत्य और इसके गंभीर प्रभावों के बारे में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों, टीवी, समाचार पत्रों और अन्य सभी उपलब्ध माध्यमों पर व्यापक रूप से जन जागरूकता फैलाने का निर्देश देने की अपील की गई थी।
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