काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें मुझे कंधार भयावह कांड की याद दिलाती है: आईसी 814 पायलट

By भाषा | Updated: August 20, 2021 19:48 IST2021-08-20T19:48:23+5:302021-08-20T19:48:23+5:30

Photos of Kabul airport remind me of Kandahar horrific incident: IC 814 pilot | काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें मुझे कंधार भयावह कांड की याद दिलाती है: आईसी 814 पायलट

काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें मुझे कंधार भयावह कांड की याद दिलाती है: आईसी 814 पायलट

इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 के कप्तान रहे देवी सरन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों की काबुल हवाई अड्डे की तस्वीरें उन्हें 22 साल पहले की भयावहता की याद दिलाती हैं। इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 को दिसंबर, 1999 में अगवा कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था और उसे पूरे सप्ताह बंधक बनाकर रखा गया था। सरन (59) ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ यह ऐसा लग रहा है जैसे मैं 22 साल पीछे चला गया हूं। बीस साल से अधिक समय बीत गया लेकिन (आज की) तस्वीरें वैसी ही हैं।’’ सरन ने कहा कि सामने आयी विभिन्न तस्वीरों एवं वीडियो में काबुल हवाई अड्डे के अंदर और बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी जा सकती है जो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर रविवार को काबिज हुए तालिबान से बचने के लिए रनवे पर विमान में सवार होने के लिए आपाधापी कर रही है , ये तस्वीरें एवं वीडियो (दिसंबर, 1999) नहीं भूलने वाली सर्दी की मायूसी की याद दिला देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ फर्क सिर्फ इतना है कि कंधार में उस वक्त बस हम लोग थे लेकिन अब आप (काबुल) हवाई अड्डे पर भीड़ देख सकते हैं। लेकिन निश्चित ही वे लोग बाहर आने के लिए आतुर हैं जैसे हम निकलना चाहते थे।’’ आईसी 814 उड़ान, 179 यात्रियों एवं चालक दल के 11 सदस्यों को लेकर 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से नयी दिल्ली आ रही थी लेकिन उसे पाकिस्तानी आतंकवादियो ने अगवा कर लिया और वे उसे तालिबान के नियंत्रण वाले कंधार ले गये। सरन उस आईसी 814 उड़ान के कप्तान, राजिंद्र कुमार प्रथम अधिकारी एवं अनिल कुमार जग्गिया फ्लाइट इंजीनियर थे। अपहर्ताओं ने रूपन कत्याल नामक एक यात्री को मार डाला था एवं वे बंधकों को छोडने के बदले में 31 दिसंबर, 1999 को भारतीय जेलों से आतंकवादियों-- मसूद अजहर अल्वी, सैयद उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कराने में कामयाब हो गये थे। शुक्रवार को सरन ने कहा, ‘‘ मुझे तस्वीरें उन दिनों जैसी लगीं। निश्चित ही , ये हमें उस वक्त की भयावह स्थिति की याद दिलाती है। चौबीस दिसंबर, 1999 को अपहर्ताओं ने सरन को आईसी 814 को पहले लाहौर ले जाने को कहा । पाकिस्तान द्वारा उड़ान को उतरने देने से मना करने के बाद विमान को अमृतसर लाया गया । तब उसे लाहौर ले जाया गया और इस बार लाहौर हवाई अड्डे ने आखिरी घड़ी में उसे उतरने दिया। बाद में विमान को लाहौर से दुबई ले जाया गया जहां से फिर उसे कंधार ले जाया गया। सरन ने कहा कि वह पिछले साल एयर इंडिया से सेवानिवृत हो गये। इंडियन एयरलाइंस का 2007 में एयर इंडिया में विलय हो गया था। उन्होंने बताया कि जग्गिया सात आठ साल पहले चल बसे जबकि कुमार अब भी एयर इंडिया में हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Photos of Kabul airport remind me of Kandahar horrific incident: IC 814 pilot

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Kabul