इहबास के निदेशक के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका, उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
By भाषा | Updated: January 6, 2021 16:52 IST2021-01-06T16:52:23+5:302021-01-06T16:52:23+5:30

इहबास के निदेशक के कार्यकाल विस्तार के खिलाफ याचिका, उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के निदेशक एन जी देसाई की 65 साल उम्र होने के बावजूद उन्हें सेवा विस्तार दिए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को संस्थान और दिल्ली सरकार का जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और इहबास को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। संस्थान के एक पूर्व कर्मचारी ने याचिका में आरोप लगाया है कि 2016 में मौजूदा निदेशक को पांच साल के लिए या 65 साल की उम्र होने तक के लिए नियुक्त किया गया था।
याचिकाकर्ता तेज बहादुर सिंह के मुताबिक देसाई अक्टूबर 2020 में 65 साल के हो गए और सेवा विस्तार के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना वह पद पर नहीं रह सकते हैं।
सिंह ने अपनी याचिका में कहा है, ‘‘सेवानिवृत्ति के बाद निदेशक के पद पर बने रहना गलत है और इसे कानून के अनुरूप नहीं कहा जा सकता।’’
इहबास की ओर से पेश अधिवक्ता तुषार सन्नू ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता संस्थान के पूर्व कर्मचारी थे और मामले में उनका निजी हित जुड़ा हुआ है।
सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि 2012 में 62 साल उम्र होने पर उन्होंने इहबास से सेवा विस्तार के लिए कहा था लेकिन उन्हें बताया गया कि नियमों के तहत सेवानिवृत्ति की निर्धारित उम्र के बाद सेवा में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इहबास के मौजूदा निदेशक के मामले में अलग मापदंड को नहीं अपनाया जा सकता है।
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