नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ लोगों ने असम की सड़कों पर किया प्रदर्शन
By भाषा | Published: December 6, 2019 05:37 AM2019-12-06T05:37:26+5:302019-12-06T05:37:26+5:30
गोगोई ने कहा, “यदि कुछ सालों में बांग्लादेश के 1.9 करोड़ हिन्दू असम में आकर बस जाएंगे और नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत नागरिकता ले लेंगे तो असमी भाषा का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और स्थानीय लोगों से रोजगार और जमीन छिन जाएगी।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के आह्वान पर नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ लोगों ने गुरुवार को असम की सड़कों पर प्रदर्शन किया। केएमएसएस का कहना है कि यदि संसद में विधेयक पास होता है तो वे उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। विभिन्न सामाजिक और युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विधेयक को वापस लेने के समर्थन में यहाँ केएमएसएस की रैली में हिस्सा लिया।
आल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) और आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और अन्य ने भी पूरे राज्य में रैली निकालकर विधेयक का विरोध किया। विधेयक को संसद में नौ दिसंबर को प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। केएमएसएस प्रमुख अखिल गोगोई ने कहा कि यदि नागरिकता संशोधन विधेयक को खत्म नहीं किया जाएगा तो लोग सोनोवाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उखाड़ फेकेंगे।
गोगोई ने कहा, “यदि कुछ सालों में बांग्लादेश के 1.9 करोड़ हिन्दू असम में आकर बस जाएंगे और नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत नागरिकता ले लेंगे तो असमी भाषा का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और स्थानीय लोगों से रोजगार और जमीन छिन जाएगी।” उन्होंने कहा, “यदि संसद में विधेयक पास होता है तो केएमएसएस उच्चतम न्यायालय तक जाएगी। सड़कों पर आंदोलन जारी रहेगा। असम कभी नागरिकता संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं करेगा।”