असम के 4 जिलों में चुनावी परिसीमन प्रस्ताव का जनता ने किया विरोध, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 27, 2023 13:50 IST2023-06-27T13:45:13+5:302023-06-27T13:50:18+5:30
निर्वाचन आयोग द्वारा असम के चार जिलों बराक घाटी, कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में किये जा रहे परिसीमन के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आयी है।

असम के 4 जिलों में चुनावी परिसीमन प्रस्ताव का जनता ने किया विरोध, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में
गुवाहाटी:असम के चार जिलों बराक घाटी, कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में चुनाव आयोग द्वारा किये परिसीमन में बदलाव के प्रस्ताव के विरोध में जनता सड़कों पर उतर आयी है और बेहद तीव्र प्रदर्शन कर रही है। इस संबंध में असम पुलिस ने मंगलवार को करीमगंज में कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि परिसीमन प्रस्तावित सभी 4 जिलों में कई नागरिक संगठनो और राजनीतिक दलों ने 12 घंटे के बंद का किया है।
इस घटना से पूर्व निर्वाचन आयोग की ओर जारी बयान में कहा गया था कि आयोग द्वारा 20 जून को असम के लिए विधानसभा और लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए मसौदा प्रस्ताव प्रकाशित किया। आयोग के इस बयान पर करीमगंज जिले से कांग्रेस के विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को "अवैध" बताया है और कहा है कि आयोद द्वारा प्रस्तावित परिसीमन में किसी भी दिशानिर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है।
#WATCH | Assam: Several organisations and political parties have called for a 12-hour bandh in Barak Valley, Cachar, Karimganj and Hailakandi districts, as a protest against the proposed delimitation draft by the Election Commission of India (ECI).
— ANI (@ANI) June 27, 2023
(Visuals from Karimganj) pic.twitter.com/wYeTp5iWAD
विरोध-प्रदर्शन में भागलेते हुए कांग्रेस विधायक पुरकायस्थ ने कहा, "इस परिसीमन प्रक्रिया में तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। पिछले परिसीमन में बराक घाटी की जनसंख्या 20 लाख थी, अब यह 45 लाख है। लेकिन अब हमारी सीटें कम कर दी गई हैं। आयोग ने क्षेत्र का कोई भौगोलिक सर्वेक्षण नहीं किया है।"
वहीं आयोग के बयान में कहा गया है कि असम में अंतिम बार साल 1976 में परिसीमन की प्रक्रिया संपन्न हुई थी, जबकि मौजूदा परिसीमन प्रक्रिया साल 2001 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें असम की विधान सभा और लोक सभा में सीटों की संख्या क्रमशः 126 और 14 सीटें बरकरार रखी गई है।
आयोग के अनुसार विधानसभा की 126 सीटों में से अनुसूचित जनजातियों के लिए 19 सीटों के आरक्षण का प्रावधान है, जबकि लोक सभा की 14 सीटों में से 2 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटित होंगी। वहीं 9 सीटें विधान सभा में अनुसूचित जाति के लिए जबकि लोकसभा में अनुसूचित जाति के लिए 1 सीटों के आरक्षित करने का प्रावधान रखा गया है।
आयोग द्वारा दिये गये परिसीमन के नये प्रस्ताव में अनुसूचित जाति की विधानसभा सीटें 8 से बढ़कर 9 हो जाएंगी वहीं विधानसभा में एसटी सीटें 16 से बढ़कर 19 हो जाएंगी।
आयोग के मुताबिक परिसीमन का मसौदा प्रस्ताव प्रशासनिक इकाइयों यानी विकास खंड, ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों और शहरी क्षेत्रों के नगर निगम बोर्डों के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में किसी भी तरह के विवाद की सार्वजनिक सुनवाई के लिए चुनाव अधिकारी जल्द ही असम का दौरा करेंगे।