कोरोना वर्ष में पीपल बाबा ने लगाए 1 लाख 11 हजार 780 पौधे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 6, 2021 16:33 IST2021-01-06T16:31:50+5:302021-01-06T16:33:12+5:30
अमेरिका के पहले शोध विश्वविध्यालय “जान हापकिंस विश्वविद्यलय” के द्वारा जारी किये गए आकड़े के मुताबिक कोरोना आने के बाद और 17 दिसम्बर 2020 तक के बीच के समयावधि में दुनिया भर में 7 करोड़ 45 लाख लोग कोर्विड 19 से संक्रमित हुए और इस की वजह 16 लाख लोगों की जान गई।

कोरोना वर्ष में पीपल बाबा ने लगाए 1 लाख 11 हजार 780 पौधे
पूरी दुनियां में कोरोना की वजह से हाहाकार मचा हुआ है उधोगपतियों का उधोग, मजदूरों की मजदूरी, कर्मचारियों की नौकरी, बहुतों नें तो अपने स्वजनों को खो दिया।।।सबकुछ तबाह हो गया है | 2020 को लोग कयामत लाने वाला और उदासीनता से भरा बता रहे हैं।
अमेरिका के पहले शोध विश्वविध्यालय “जान हापकिंस विश्वविद्यलय” के द्वारा जारी किये गए आकड़े के मुताबिक कोरोना आने के बाद और 17 दिसम्बर 2020 तक के बीच के समयावधि में दुनिया भर में 7 करोड़ 45 लाख लोग कोर्विड 19 से संक्रमित हुए और इस की वजह 16 लाख लोगों की जान गई।
यही वह दौर था जब पूरी दुनिया विडियो काल और ज़ूम काल से घर में बैठकर किसी तरह से अपनी दिनचर्या चला रही थी लेकिन पीपल बाबा की टीम सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लगातार पेड़ लगाती रही थी | लॉकडाउन में पौधों का बिजनेस ठप्प हो गया था, इंडियन नर्सरीमैन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के प्रेसिडेंट वाई पी सिंह के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से देश में 100 करोड़ रूपये से अधिक की पेड़ों की नर्सरी बर्बाद हो गई यह नुकसान केवल दिल्ली में 8 करोड़ से ऊपर का रहा | लेकिन इस दौर में भी पीपल बाबा की नर्सरी का एक भी पौधा बर्बाद नहीं हुआ क्युकि बिना रुके पीपल बाबा की टीम का पेड़ लगाओ अभियान जारी रहा।
कोरोना की वजह से देश के उधोग धंधे बंद हो गए थे माइग्रेंट मजदूर शहरों से गावं की तरफ आने लगे थे | गावं वापस आकर बहुतों ने खुद को कृषि कार्य से जोड़ लिया था | इसस कृषि पर प्रति व्यक्ति निर्भरता काफी बढ़ रही थी | इस समय पर पीपल बाबा नें 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पीपल बाबा ने पुरे देश के लोगों से एक सृजनात्मक अनुरोध करते हुए कहा था कि “ कोरोना काल में पौधारोपण करके फिक्स डिपोजिट करना चाहिए”।
इसके कारणों को समझाते हुए पीपल बाबा नें कहा था कि कृषि कार्य में ज्यादे लोगों के जुड़ जानें से प्रति व्यक्ति आय में कमी आएगी और ओवर उत्पादन से भी कृषि उत्पादों के मूल्य कम होंगे ऐसे में अगर किसान भाई अपने खेतों के किनारे या बंजर जमीनों में पौधारोपण का कार्य करते हैं तो काफी आने वाले समय में इन पेड़ों के तैयार होने पर करोना काल के समय होने वाले नुकसान की भरपाई सूध समेत की जा सकती है | पीपल बाबा के द्वारा दिए गए पौधारोपण से जुड़े इस अवधारणा को “राष्ट्र के नाम कोरोना काल का फिक्स डिपोजिट” कहा गया | इस समय पीपल बाबा द्वारा दिए गए इस अवधारणा की खूब सराहना हुई और एन सी आर के आसपास ढेर सारे लोगों ने पीपल बाबा के पेड़ लगाओ अभियान से जुड़कर कोरोना काल में अपने समय का सदुपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए ढेर सारे पौधे लगाये।
गौरतलब है कि पीपल बाबा की टीम ने कोरोना काल में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बनाया | इस साल पीपल बाबा की टीम नें जहां एन सी आर से जुड़े दिल्ली में 8340 पेड़, नॉएडा में 33,400, ग्रेटर नॉएडा में 28,600, गाजियाबाद में 4,200 पेड़ लगाया वहीँ लखनऊ में 30,280 पेड़, उत्तराखंड में 3820 पेड़ , हरियाणा (सोहना-बहादुरगढ़ रोड पर ) में 3140 पेड़ लगाए