लखीमपुर खीरी में शांति लेकिन माहौल में सहजता नहीं, घटनास्‍थल पर भारी पुलिस बल तैनात

By भाषा | Updated: October 4, 2021 22:46 IST2021-10-04T22:46:48+5:302021-10-04T22:46:48+5:30

Peace in Lakhimpur Kheri but no ease in the atmosphere, heavy police force deployed at the spot | लखीमपुर खीरी में शांति लेकिन माहौल में सहजता नहीं, घटनास्‍थल पर भारी पुलिस बल तैनात

लखीमपुर खीरी में शांति लेकिन माहौल में सहजता नहीं, घटनास्‍थल पर भारी पुलिस बल तैनात

(अरुनव सिन्‍हा)

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश), चार अक्टूबर लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के एक दिन बाद सोमवार को वहां शांति है लेकिन माहौल में सहजता नहीं है। राज्‍य सरकार द्वारा किसानों की मांग मान लेने के बाद आंदोलनकारी किसानों के शवों का पोस्टमार्टम कराने पर सहमत हो गये हैं।

प्रांतीय राजधानी लखनऊ से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर जिले के अधिकांश चौराहों पर 'पीटीआई-भाषा' ने पुलिस बल की भारी मौजूदगी देखी। तिकोनिया की घटना को लेकर देशभर में फैले आक्रोश के मद्देनजर सुरक्षाकर्मी, एसएसबी जवान और राज्य पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर मौजूद हैं।

बड़ी संख्या में उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा राज्यों के पंजीकरण संख्या वाले वाहन उस स्थान के पास देखे गए जहां एसयूवी से कुचल कर किसानों की मौत हुई और दो एसयूवी पलट गए क्षतिग्रस्त हो गए।

यह स्थान आकर्षण का केंद्र बन गया है और यहां आए पीटीआई-भाषा संवाददाता ने देखा कि कई लोग गिरे हुए दो एसयूवी के सामने तस्वीरें खिंचवा रहे थे। जिला प्रशासन द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने और इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के साथ, तिकोनिया में, जिला मुख्यालय से लगभग 60 किमी और राजधानी लखनऊ से लगभग 225 किमी दूर, अधिकांश दुकानें बंद रहीं।

एक एसयूवी जहां सड़क के दायीं ओर पलटी हुई दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी मुख्य सड़क से दूर सड़क के बाईं ओर गिरी है।

उधम सिंह नगर उत्तराखंड के धर्मबीर सिंह और जरनैल सिंह काले नाम के एक व्यक्ति ने रविवार की घटना के बारे में बात करते हुए कहा, "किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे। हमें न्याय मिलना चाहिए। अगर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो हम आंदोलन तेज करेंगे और देशव्यापी विरोध भी करेंगे।''

उन्होंने दावा किया, ''उत्तराखंड से 2,000 वाहन आए हैं। स्थानीय नागरिक पूरी तरह से आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में हैं।'' पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के दो किसानों ने कहा, "वे हमारे लिए लंगर का आयोजन कर रहे हैं।" सोमवार तड़के घटनास्थल पर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बैठकर अपनी मांगें मीडियाकर्मियों के सामने रखीं।

दुर्घटना में मरे चारों किसानों के शवों का पोस्टमार्टम जिला मुख्यालय स्थित पोस्टमार्टम हाउस में कराया गया और शव उनके परिजन को सौंप दिए गए। मारे गए चार किसानों में से दो स्थानीय थे और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे।

राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित करने और मृतकों के परिवारों के लिए 45 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा के बाद आंदोलनकारी किसान पोस्टमार्टम के लिए सहमत हुए।

यहां ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल सशस्त्र सीमा बल (लगभग 500 कर्मियों की संख्या) की लगभग पांच कंपनियां और पड़ोसी जिलों हरदोई, उन्नाव और लखीमपुर से लाई गई राज्य पुलिस की दो कंपनियां तिकोनिया में किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं।

स्थानीय ग्रामीण मंसूर अली ने कहा कि साथी ग्रामीणों ने देखा कि रविवार को अचानक तेज रफ्तार एसयूवी आयी और आंदोलन कर रहे लोगों को कुचलते हुए आगे जाकर दो एसयूवी सड़क किनारे पलट गई। न केवल तिकोनिया में, बल्कि पूरे लखीमपुर खीरी जिले में रविवार के आयोजन और चारों ओर निषेधाज्ञा के मद्देनजर सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। जिले के अधिकांश चौराहों पर भारी पुलिस उपस्थिति देखी गई।

लखीमपुर शहर से तिकोनिया की ओर जाने वाली सड़क के किनारे स्थित अधिकांश दुकानें बंद रहीं। हालांकि, दवाओं और अन्य जरूरी सामानों के दुकान खुले रहे। जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और रविवार की नृशंस घटना के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उपाय के तहत इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के दलजीत सिंह (42) और गुरविंदर सिंह (22) तथा खीरी में पलिया थाना क्षेत्र के चौखड़ा फार्म के लवप्रीत सिंह (30) और धौरहरा थाना क्षेत्र के नंदपुरवा गांव के नछतर सिंह (65) के रूप में हुई है।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गये थे।

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