श्रीनगरः पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार जारी हैं और दावा किया कि सांप्रदायिक सद्भाव का सबसे अच्छा उदाहरण जम्मू कश्मीर है। अनंतनाग में "कठ बात" नामक एक सार्वजनिक संवाद के बाद पत्रकारों से महबूबा ने कहा, "अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बेरोकटोक जारी हैं। गांधी (महात्मा गांधी) और नेहरू (जवाहरलाल नेहरू) का भारत लिंचिस्तान में तब्दील होता जा रहा है।" जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा की घटनाओं का अंत होना चाहिए और सभी समुदायों को पहले की तरह एक साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "सांप्रदायिक सद्भाव का सबसे अच्छा उदाहरण जम्मू कश्मीर है, जहां लोग कंधे से कंधा मिलाकर रहते हैं।"
महबूबा ने कहा कि 'कठ बात' लोगों, विशेषकर युवाओं के लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे अपने सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर के लोग एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि वे घुटन महसूस कर रहे हैं और अपनी राय व्यक्त करने में असमर्थ हैं। यह उनके लिए अपनी आवाज उठाने का एक मंच है।"
सामान्य वर्ग के छात्रों द्वारा आरक्षण नीति के विरोध में आयोजित प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने पूछा, "उन्हें (छात्रों को) शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?" अधिकारियों ने रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी समेत कई नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया।
ताकि उन्हें जम्मू कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोका जा सके। अधिकारियों ने बताया कि महबूबा की बेटी और पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती, श्रीनगर के सांसद रुहुल्लाह मेहदी, पीडीपी नेता वहीद पारा और श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद मट्टू को नजरबंद कर दिया गया है।