पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व सीटीईटी परीक्षा पास उम्मीदवार ही प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में होंगे शामिल
By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2020 18:56 IST2020-12-15T18:53:25+5:302020-12-15T18:56:05+5:30
पटना हाइकोर्ट ने राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होने वाले बहाली के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने नीरज कुमार व अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर आज अपना फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया है.

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सरकार ने ऐलान किया था कि 31 अगस्त से पहले प्रदेश में 94,000 प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी
पटना: बिहार सरकार के साल 2019 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को लेकर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि 23 नवंबर 2019 के पूर्व सीटीईटी परीक्षा पास उम्मीदवार ही बिहार के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली बहाली प्रक्रिया में शामिल होंगे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सरकार ने ऐलान किया था कि 31 अगस्त से पहले प्रदेश में 94,000 प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन 2019 के पूर्व सीटीईटी परीक्षा पास उम्मीदवार की वजह से मामला अटक गया था.
जिसपर आज पटना हाइकोर्ट ने राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होने वाले बहाली के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने नीरज कुमार व अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर आज अपना फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया है. एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को कहा है कि वह शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने 15 जून 2020 को एक आदेश पारित करते हुए कहा कि दिसम्बर 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में नहीं भाग ले सकते हैं. इस विज्ञापन के बाद बदलाव कैसे किया जा सकता है? जिसके बाद अब कोर्ट के इस फैसले ने अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इस परीक्षा के माध्यम से पूरे राज्य में लगभग 94 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही हैं.
यहां बता दें कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों के 18 महीने का डीएलएड कोर्स पास शिक्षकों को भी इस नियोजन कार्यक्रम में आवेदन देने का अधिकार पटना हाई कोर्ट ने दिया था. उस आदेश पर शिक्षा विभाग ने नई अधिसूचना जारी की थी जिसमें डीएलएड अभ्यार्थियों सहित दिसंबर 2019 में उत्तीर्ण हुए कम्बाइंड टीईटी अभ्यार्थियों को भी आवेदन देने का मौका दे दिया गया था. शिक्षा विभाग ने 15 जून 2020 को जारी अपने एक नए आदेश से यह बताया कि इस बहाली में डीएलएड कोर्स पास अभ्यार्थियों का ही आवेदन लिया जाएगा और दिसम्बर 2019 में पास हुए कम्बाइन्ड टीईटी अभ्यार्थियों को नियोजन कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने आदेश को राज्य सरकार का मनमानापन कहते हुए इसे निरस्त करने की मांग हाईकोर्ट से की थी.