वीडियो: यात्री ने विमान में बैठे हुए बनाया 'चंद्रयान-3' की लॉन्चिंग का वीडियो, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 15, 2023 03:28 PM2023-07-15T15:28:52+5:302023-07-15T15:30:19+5:30

सोशल मीडिया पर ‘चंद्रयान-3’ की लॉन्चिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो एक यात्री ने विमान में बैठे हुए बनाया है। चेन्नई से ढाका के लिए उड़ान भरने वाले एक इंडिगो यात्री इस खास नजारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया।

Passenger made video of Chandrayaan-3 launch while sitting in the plane went viral on social media | वीडियो: यात्री ने विमान में बैठे हुए बनाया 'चंद्रयान-3' की लॉन्चिंग का वीडियो, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ

‘चंद्रयान-3’ आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को लॉन्च हुआ

Highlights‘चंद्रयान-3’ आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को लॉन्च हुआ एक यात्री ने विमान में बैठे हुए बनाया लॉन्चिंग का वीडियोचेन्नई से ढाका के लिए उड़ान भरने वाले यात्री ने बनाया वीडियो

नई दिल्ली: भारत का तीसरा चंद्र मिशन चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को लॉन्च हुआ।  लॉन्च होने के बाद यह चंद्रमा की कक्षा में भी  सफलतापूर्वक स्थापित हो गया। 14 जुलाई को जब ‘चंद्रयान-3’ की लॉन्चिंग हो रही थी तब भारतीयों के साथ-साथ पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी थीं। 

अब सोशल मीडिया पर ‘चंद्रयान-3’ की लॉन्चिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो एक यात्री ने विमान में बैठे हुए बनाया है। चेन्नई से ढाका के लिए उड़ान भरने वाले एक इंडिगो यात्री इस खास नजारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। 

बता दें कि लॉन्च होने के अब करीब 40 दिन बाद यानी आगामी 24 अगस्त को चंद्रयान 3 मिशन का रोबोटिक उपकरण चंद्रमा पर उस जगह उतरेगा जहां अब तक दुनिया का कोई भी देश अपने अभियान को सफलता पूर्वक अंजाम नहीं दे पाया है। जिस जगह रोबोटिक उपकरण उतरेगा उसका नाम है शेकलटन क्रेटर (Shackleton Crater)। शेकलटन क्रेटर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित है। इस जगह का तापमान -267 डिग्री फारेनहाइट रहता है। 

यही भारत के चंद्र मिशन चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ की सबसे बड़ी चुनौती भी है। दरअसल साल 2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था। इस बार इसरो का लक्ष्य लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना है। अगर लैंडर और रोवर सफलता पूर्वक चांद की सबसे मुश्किल सतह पर उतरते हैं तो ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे।

एलवीएम3एम4 रॉकेट शुक्रवार को इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3’ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर ले गया। इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे 'फैट बॉय' भी कहते हैं। यदि इस बार लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।

Web Title: Passenger made video of Chandrayaan-3 launch while sitting in the plane went viral on social media

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