संसदीय समिति ने केंद्रीय सूचना आयोग में स्वीकृत 160 पदों में से 100 पदों को आउटसोर्स किये जाने पर जताई चिंता, कर्मचारी चयन आयोग से कहा मामले की जांच करे
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 2, 2023 02:15 PM2023-04-02T14:15:19+5:302023-04-02T14:21:05+5:30
कार्मिक विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने केंद्रीय सूचना आयोग में स्वीकृत 160 पदों में से 100 पदों को अनुबंध के आधार पर आउटसोर्स किये जाने पर चिंता जताई है।
दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) द्वारा बड़ी संख्या में भर्ती किये गए आउटसोर्स कर्मचारियों पर चिंता जाहिर करते हुए संसदीय समिति ने विभिन्न पदों पर कर्मचारियों के चयन के लिए कर्मचारी चयन आयोग से ध्यान देने के लिए कहा है। इसके साथ ही समिति ने यह भी पूछा है कि आयोग में सीधी भर्ती क्यों नहीं हो रही है और इसमें क्या बाधा आ रही है। संसदीय समिति के अनुसार सीआईसी ने 160 स्वीकृत पदों में से 100 पदों को अनुबंध के आधार पर आउटसोर्स कर्मचारियों के जरिये भरा है।
समाचार वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार जब कार्मिक विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने हालिया रिपोर्ट के आधार पर सीआईसी से इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को आउटसोर्स करने का कारण पूछा तो सीआईसी ने बताया कि वह उपयुक्त उम्मीदवारों की अनुपलब्धता के कारण आयोग में रिक्त सभी पदों को भरने में सक्षम नहीं है।
संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का मानना है कि अनुबंधित कर्मचारी नियमित कार्यबल की भरपाई कर सकते हैं लेकिन वो स्थायी कर्मचारियों का विकल्प कतई नहीं हो सकते हैं।
इसके साथ ही रिपोर्ट की सिफारिश में कहा गया है कि कर्मचारी चयन आयोग को सीआईसी में सीधी भर्ती रिक्तियों में आने वाली बाधाओं पर गौर करना चाहिए और उस संबंध में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
समिति ने यह भी कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 25 के अनुसार सार्वजनिक प्राधिकरणों की तरह सीआईसी को भी तिमाही रिटर्न जमा करने की वैधानिक आवश्यकता है। हालांकि 2021-22 के दौरान केवल 95 फीसदी सार्वजनिक प्राधिकरणों की ओर से पेश किये गये रिपोर्टिंग वर्ष के दौरान सभी चार त्रैमासिक रिटर्न जमा किए कहा गया है।
इसके साथ ही संसदीय समिति ने यह भी कहा कि सीआईसी अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा नहीं कर रहा है। इसलिए सिफारिश की जाती है कि सीआईसी सभी मंत्रालयों और स्वतंत्र विभागों पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने के वैधानिक नियम का 100 फीसदी अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए दबाव डाले।