Parliament Special Session New Building: संसद विशेष सत्र शुरू हो गया है। राज्यसभा की बैठक कल दोपहर 2:15 बजे नए संसद भवन में होने के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने के दौरान घोषणा की।
लोकसभा की बैठक कल दोपहर 1:15 बजे नए संसद भवन में होने के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में संसद के विशेष सत्र में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज इस संसद भवन में हमारा आखिरी दिन है, मुझे उम्मीद है कि हम अपनी संसदीय चर्चाओं की गरिमा बढ़ाएं और एक एकीकृत संदेश दें।
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही नये संसद भवन में संचालित होगी। आज इसकी घोषणा दोनों सदनों में की गयी। सोमवार को दोनों सदनों में ‘संविधान सभा से अब तक 75 वर्षों की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और सीख’ विषय पर चर्चा हुई।
इस चर्चा के पूरा होने पर राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा की कि अगली बैठक नये संसद भवन में होगी। बिरला ने आज सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हुए घोषणा की कि सदन की अगली बैठक मंगलवार को अपराह्न एक बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हुए घोषणा की कि सदन की अगली बैठक मंगलवार को अपराह्न सवा दो बजे शुरू होगी। संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलने का कार्यक्रम है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा को सूचित किया कि सोमवार को संसद भवन में कार्यवाही का अंतिम दिन है और आज के बाद सदन की कार्यवाही नए भवन में संचालित होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य नए संसद भवन में नई आशाओं, नई उम्मीदों के साथ प्रवेश करेंगे। बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि नए भवन में भारत का लोकतंत्र नई ऊंचाईयां प्राप्त करेगा।
सदन को सम्बोधित करते हुए बिरला ने कहा कि संसद भवन स्वतंत्रता प्राप्ति की ऐतिहासिक घड़ी से लेकर भारत के संविधान निर्माण की सम्पूर्ण प्रक्रिया और इसके साथ आधुनिक राष्ट्र की गौरवशाली लोकतांत्रिकक यात्रा का साक्षी रहा है।
स्वतंत्र भारत की प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर को याद करते हुए बिरला ने कहा कि देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के प्रथम अध्यक्ष के रूप में उन्होंने नियम समिति, विशेषाधिकार समिति, कार्य मंत्रणा समिति सहित कई अन्य संसदीय समितियों की स्थापना की और सदन के अंदर उच्चतम परंपराओं की नींव रखी।
अन्य सभी पूर्व लोकसभा अध्यक्षों के योगदान का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि उनसे पूर्व 16 अध्यक्षों ने संसद की श्रेष्ठ परम्पराएं स्थापित की हैं। सदन को संवाद संस्कृति का जीवंत प्रतीक बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न दलों के बीच सहमति-असहमति के बीच पिछले 75 वर्षों में देशहित में सामूहिकता से निर्णय लिए गए तथा संसदीय विचार-विमर्श की पद्धति से देश की जनता के जीवन में सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए कानून बनाए गए। उन्होंने कहा कि आपदा और संकट के समय में भी सदन ने एकजुटता और प्रतिबद्धता से उनका सामना किया है।