Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र में आ सकता 'एक देश, एक चुनाव' बिल!, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार कोई और विधेयक भी पेश करेगी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 31, 2023 19:08 IST2023-08-31T18:17:14+5:302023-08-31T19:08:55+5:30
Parliament Special Session: केंद्र सरकार ने ‘अमृत काल’ के बीच 18 से 22 सितंबर तक ‘संसद का विशेष सत्र’ बुलाया गया है जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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Parliament Special Session: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया जा रहा है, जिसमें 5 बैठकें होंगी। उन्होंने कहा, "अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है।" सरकार संसद के विशेष सत्र में 'एक देश, एक चुनाव' बिल पेश कर सकती है।
ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार कोई विधेयक पेश कर सकती है। संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है।’’
18 से 22 सितंबर संसद का विशेष सत्र!
1. आरक्षण/दलित/पिछड़े वर्ग संबंधी बिल
2. CAA
3.एक देश एक चुनाव
4. धार्मिक स्थल बिल
5. किसान उत्थान संबंधी बिल!
संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘ अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।’’
अपनी पोस्ट के साथ जोशी ने एक्स पर संसद के पुराने भवन के साथ ही नए भवन की तस्वीर भी साझा की है। सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके।
आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रविधान है। संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त हुआ था। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कारोबारी अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने और मुंबई में जारी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र की घोषणा की गई है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी। उन्होंने सवाल किया कि जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है?
वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिन्दुओं की भावना के खिलाफ है। इसकी तिथियों के चुनाव को लेकर आश्चर्यचकित हूं ।’’
यह संयोग ही है कि संसद का विशेष सत्र ऐसे समय में बुलाया गया है जब एक दिन पहले ही यानि के 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन होगा। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन से 2 अक्टूबर को गांधी जयंती तक 16 दिवसीय ‘सेवा पखवाड़ा’ का आयोजन करने जा रही है जिसमें देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
#WATCH | On Special Session of Parliament, Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, "The manner in which Pralhad Joshi has secretly taken this decision and tweeted - my question is that a very important festival of the country, Ganesh Chaturthi (will be celebrated at that… pic.twitter.com/6H3QhE6q4w
— ANI (@ANI) August 31, 2023
इससे पहले संसद का विशेष सत्र, तीन स्वाभाविक सत्र से इतर 30 जून 2017 की मध्यरात्रि को आयोजित किया गया था जो जीएसटी के लागू होने के अवसर पर था। हालांकि यह लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त सत्र था। वहीं, अगस्त 1997 में छह दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया था जो भारत की आजादी की 50वीं वर्षगांठ के उत्सव के अवसर पर था।
‘भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर 9 अगस्त 1992 को मध्यरात्रि सत्र आयोजित किया गया था। भारत की आजादी के रजत जयंती वर्ष पर 14-15 अगस्त 1972 को और भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर 14-15 अगस्त 1947 को पहला ऐसा विशेष मध्य रात्रि सत्र आयोजित किया गया था। संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को ही संपन्न हुआ था।
(इनपुट एजेंसी)