Parliament security lapse incident: संसद सुरक्षा चूक को लेकर सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। लोकसभा सचिवालय ने कल की सुरक्षा चूक की घटना के लिए 8 कर्मियों को निलंबित कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आठ कर्मियों को निलंबित कर दिया है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। निलंबित किए गए लोगों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र के रूप में की गई है।
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया।
घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली 'केन' लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया।
सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।
संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग- सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए, उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया।
इस बीच कुछ सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया। लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी- ने संसद परिसर के बाहर ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ा और ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए। पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना छह लोगों ने मिल कर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के संबंध में संसद मार्ग थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 452 (बिना मंजूरी के प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना अथवा हमला) और यूएपीए की धारा 16 तथा 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लोकसभा सदस्यों ने बुधवार को सदन में कूदे दो व्यक्तियों को तुरंत काबू करने के लिए साथी सांसदों-हनुमान बेनीवाल, मलूक नागर और गुरजीत सिंह औजला की सराहना की। तीनों सांसदों की उनके साथी सदस्यों ने ‘‘साहसी’’ के रूप में सराहना की और कुछ ने उनके साथ सेल्फी भी ली।
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग अचानक सदन के भीतर कूद गए और 'केन' के जरिये धुआं फैला दिया। इसके तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। अन्य सदस्यों की मदद से दो व्यक्तियों में से एक को पकड़ने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद बेनीवाल ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘शून्यकाल के दौरान कई सांसद सदन में मौजूद थे। तभी अचानक दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूदे और अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंचने की कोशिश करने लगे।’’
पत्रकारों से बातचीत में अमृतसर से कांग्रेस सांसद औजला ने कहा, ‘‘मैंने अभी एक मुद्दा उठाया ही था कि दो लोग सदन कक्ष में कूद पड़े। उनमें से एक आसन की ओर बढ़ रहा था कि तभी हनुमान बेनीवाल ने उसे पकड़ लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हम दूसरे व्यक्ति को पकड़ने के लिए दौड़े, तो मैंने देखा कि उसके हाथ में कुछ था जिसे वह लहराने लगा।
हमने इसे उससे छीन लिया और सदस्यों की सुरक्षा के लिए इसे बाहर फेंक दिया क्योंकि इससे गैस निकल रही थी।’’ घटना के बारे में बसपा सांसद नागर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शून्यकाल की कार्यवाही चल रही थी। तभी पीछे से जोर से आवाज आई जैसे कोई गिर गया हो।
तभी हमने देखा कि एक व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गया था जबकि दूसरा व्यक्ति लटका हुआ था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिर हनुमान बेनीवाल ने तुरंत दो लोगों में से एक को पकड़ लिया, जबकि मैंने और अन्य सांसदों ने दूसरी तरफ से भाग रहे दूसरे व्यक्ति को पकड़ लिया।’’