Parliament Monsoon Session Updates: लोकसभा ने सोमवार को पांच विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दी जिनमें एक विधेयक को मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच पारित किया गया।
इनमें ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023’, ‘अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023’, ‘फार्मेसी संशोधन विधेयक, 2023’, ‘मध्यकता विधेयक, 2023’ और ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023' हैं।
निचले सदन ने शोर-शराबे के बीच ‘डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी जिसमें डिजिटल व्यक्तिगत डाटा के संरक्षण तथा व्यक्तिगत डाटा का संवर्द्धन करने वाले निकायों पर साधारण और कुछ मामलों में विशेष बाध्यता लागू करने का उपबंध किया गया है।
लोकसभा में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखा और उनके जवाब के बाद विधेयक को सदन की स्वीकृति मिल गयी। सदन ने ‘अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023’ को पारित किया जिसमें देशभर के विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को वित्त पोषित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतिष्ठान स्थापित करने का प्रावधान किया गया है।
निचले सदन में संक्षिप्त चर्चा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी। चर्चा के दौरान कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। सदन में ‘फार्मेसी संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दी गयी जिसमें जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में फार्मेसी अधिनियम, 1948 में संशोधन का प्रस्ताव है।
लोकसभा में विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रखा। उन्होंने चर्चा का जवाब दिया जिसके बाद सदन ने इसे पारित कर दिया। लोकसभा ने ‘मध्यकता विधेयक, 2023’ को भी मंजूरी दे दी और इसके साथ विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गयी है।
राज्यसभा ने पिछले सप्ताह चर्चा के बाद सरकार द्वारा लाये गये विभिन्न संशोधनों के साथ उक्त विधेयक को मंजूरी दी थी। इसमें मध्यस्थता की प्रक्रिया को सुगम बनाने तथा अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में कमी लाने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक में भारतीय मध्यस्थता परिषद स्थापित करने का भी प्रावधान है।
लोकसभा में विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिया। निचले सदन ने सोमवार को ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023' को भी अपनी मंजूरी दी। इसमें तटीय जल कृषि कानून के दायरे का विस्तार करने, कारावास के प्रावधानों को हटाने तथा पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किये बिना नियामक अनुपालन शर्तों को आसान करने का प्रावधान किया गया है। सदन में इस विधेयक पर चर्चा और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के जवाब के बाद इसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई।