Parliament Monsoon session: मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार करने के लिए कल विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल संसद में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक करेंगे।
विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन, सोमवार को भी मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के दोनों सदनों में बयान देने और चर्चा की मांग जारी रखी। इन पार्टियों के सदस्यों ने अपनी इस मांग को लेकर संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी सांसदों ने उच्च सदन में कार्य स्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग करते हुए नोटिस दिए। खड़गे के अलावा आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इसी विषय पर कार्यस्थगन नोटिस दिए।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर और कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और चर्चा की मांग करते हुए सोमवार को लोकसभा में कार्यस्थगन के नोटिस दिए।रक्षा मंत्री और लोकसभा के उप नेता राजनाथ सिंह ने जारी गतिरोध को खत्म करने के प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से फोन पर बात की है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रक्षा मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष को रविवार रात फोन किया था, लेकिन खड़गे ने स्पष्ट कर दिया कि विपक्ष मणिपुर के मामले पर सदन में विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वक्तव्य चाहता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राजनाथ सिंह जी ने कल रात कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी को फ़ोन कर सदन में गतिरोध के बारे में बात की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ़ तौर पर कहा कि हम सदन में विस्तृत चर्चा चाहते हैं, रोज़ इस बारे में नियम 267 के अन्तर्गत नोटिस भी दे रहे हैं क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, प्रधानमंत्री जी को सदन में आकर बयान देना चाहिए।” विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार बार बाधित हुई। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो गत बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
(एजेंसी इनपुट)