यूक्रेन में फंसे जम्मू-कश्मीर के छात्रों के अभिभावकों ने उठाया बच्चों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 2, 2022 04:05 PM2022-03-02T16:05:32+5:302022-03-02T16:07:01+5:30
बुधवार सुबह जम्मू के प्रदर्शनी मैदान के निकट एकत्र हुए विद्यार्थियों के अभिभावकों ने हाथों में तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखते हुए मांग की कि केंद्र सरकार उनके बच्चों को जल्द से जल्द देश वापस लाए।
जम्मू: यूक्रेन में रूसी सेना के हमले के बाद वहां फंसे जम्मू कश्मीर के बच्चों के अभिभावकों ने बुधवार को जम्मू में अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा जोर शोर से उठाया। बुधवार सुबह जम्मू के प्रदर्शनी मैदान के निकट एकत्र हुए विद्यार्थियों के अभिभावकों ने हाथों में तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखते हुए मांग की कि केंद्र सरकार उनके बच्चों को जल्द से जल्द देश वापस लाए।
अभिभावकों ने कहा कि हमारे बच्चे वहां परेशान हैं। भारत सरकार उन तक मदद पहुंचाने लिए जल्द से जल्द कदम उठाए। वहीं वहां मौजूद पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि उनका बेटा गुरप्रीत सिंह भी वहां फंसा हुआ है। उनके नजदीकी रिश्तेदार व दोस्त भी उसके साथ हैं। उन्हें चिंता हो रही है। हौसला इस बात का है कि मोबाइल पर रोजाना ही बात हो रही है। मेरे बेटे समेत उनके साथियों को तीन चार दिन तक खाना नहीं मिला। भूखे ही युद्ध के साये में रहना पड़ रहा है। पैसे खत्म हो गए हैं। पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि गुरप्रीत को अपने अन्य सहयोगियों के साथ बहुत अधिक किराया देकर गाड़ी का प्रबंध करना पड़ा। बहुत मुश्किल से पोलैंड सीमा पर पहुंचा है।
युद्धग्रस्त यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद उधमपुर की पारुल महाजन का परिवार बेटी की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। परिवार ने जिला प्रशासन और सरकार से बेटी की जल्द वापसी के लिए प्रयास तेज करने की अपील की है। उधमपुर के वार्ड नंबर 14, सैला तालाब निवासी पारुल महाजन युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव में वीएन कराजिन खार्कीव नेशनल यूनिवर्सिटी में एमडी फिजीशियन कोर्स की चौथे वर्ष की छात्रा है। पारुल के पिता सिंचाई विभाग में एईई हैं और उनकी तैनाती रामबन जिले में है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से परिवार पारुल की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, मगर यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत ने विजय कुमार व उनके सारे परिवार की चिंता को और बढ़ा दिया है। यूक्रेन में पढ़ रही दो अन्य छात्राएं अहीना राजपूत व स्तुति कश्यप हालात खराब होने से पहले ही उधमपुर लौट चुकी हैं। स्तुति कश्यप 21 फरवरी को उधमपुर पहुंची, जबकि अहीना राजपूत 24 फरवरी को पहुंची थी। अहीना ने बताया कि उसकी यूक्रेन से 22 फरवरी को फ्लाइट ली थी। उस समय हालात बिलकुल ठीक थे।
खारकीव के ही एक बंकर में जम्मू के सैनिक कालोनी का रहने वाला गु्रपाल प्रीत सिंह भी फंसा हुआ है। वह खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। बंकर में सिग्नल कम होने के कारण उसकी घर में सभी चिंतित है। गुरपाल के पिता आरपी सिंह ने बताया कि बेटे से मंगलवार सुबह बात हुई थी। खारकीव से बच्चों को निकालने के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया जा रहा है। यहां के कई बच्चे फंसे हुए हैं। खारकीव में जहां पर बच्चे फंसे हैं, वहां पर हालात लगातार खराब हो रहे हैं। भारतीय दूतावास से कई बार बच्चों ने गुहार लगाई लेकिन कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है।