पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की जंग में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीवी का निधन हो गया। वो करीब 95 वर्ष की थी। उन्होंने गाजीपुर के धामूपुर गांव में शुक्रवार दोपहर आखिरी सांस ली। वह कई दिनों से बीमार थी।
पिछले तीन-चार दिनों से कुछ ज्यादा बीमार थी डॉक्टर ने दवा दी थी लेकिन मौसम बदलने की बात कहते हुए उन्होंने वाराणसी जाने से मना कर दिया था और दवा लेकर घर पर ही आराम कर रही थी। रसूलन बीवी की मौत के बाद उनके जानने वाले संवेदना व्यक्त करने घर पहुंच रहे हैं।
अब्दुल हमीद की प्रेरणास्रोत रसूलन बीबी हमीद जी को याद करते हुए बताती थीं कि 1956 की बाढ़ में दिन रात लोगों को नदी से पार उतारते थे। पहलवानी और निशानेबाजी के वह बेहद शौकीन थे। हरदम लोगों की मदद और सेवा के लिये तत्पर रहते थे। उनकी शहादत के बाद गांव वालों और बाहर वालों ने साथ दिया मगर अपने सगे दूर होते गए।