पटना: जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख और लोकसभा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने केंद्र द्वारा कोरोना वैक्सीन से हुई मौत के संबंध में मुआवजा देने से इनकार पर कड़ी आपत्ति जताई है। पप्पू यादव ने कहा कि मोदी सरकार सत्य का ढिंढोरा पिटने के नाम पर लोगों के साथ छल कर रही है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के प्रचार में करोड़ो रुपये झोंकने वाली सरकार अब उसके कारण हुई मौत की जिम्मेदारी लेने से भाग रही है। सरकार उन पीड़ित परिवारों को मुआवजा दे, जिनके परिजन वैक्सीन लगने के बाद मारे गये हैं।
इस संबंध में पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर भारी तंज कसते हुए कहा, "सत्यवादी मोदी सरकार का सच। ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। कोरोना वैक्सीन लेने को सरकार ने मज़बूर नहीं किया! वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट से मरने वाले ख़ुद ज़िम्मेदार!"
केवल वैक्सीन विवाद ही नहीं कई अन्य मुद्दों पर केंद्र पर प्रति हमलावर रूख अख्तियार करने वाले पप्पू यादव ने कहा कि सरकार कोरोना वैक्सीन से हुई मौत के मामले में जिम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती है। सरकार को उन परिवारों को प्रति हमदर्दी दिखानी चाहिए, जिनके अपने कोरोना वैक्सीन के कारण मारे गये। दरअसल इस विवाद में केंद्र सरकार उस समय फंस गई, जब कोविड वैक्सीन के कारण दो लड़कियों की मौत का दावा करते हुए उनके परिजन केंद्र से मुआवजे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये थे।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा गया कि वो कोविड वैक्सीन के कारण होने वाली मौत के लिए मुआवजा देने को बाध्यकारी है या नहीं? इसके जवाब में केंद्र ने देश की शीर्ष अदालत से कहा कि वह कोविड वैक्सीन के कारण होने वाली मौत के लिए मुआवजा देने के लिए बाध्यकारी नहीं है क्योंकि पूरी तरह से स्वेच्छा से आधारित अभियान था, इसमें केंद्र की ओर से वैक्सीन लगवाने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया था।
इसके साथ ही केंद्र ने अपनी दलील में यह भी कहा कि लगाई गई किसी भी वैक्सीन का निर्माण सरकार ने नहीं बल्कि थर्ड पार्टी ने बनाई है। वैक्सीन विभिन्न चरणों की परीक्षण में सफल होने के बाद ही लोगों को लगाई गई थी। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन का केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी सफल परीक्षण हुआ था और हर जगह इसे महामारी के खिलाफ कारगर पाया गया था।
ऐसे हालात में अगर वैक्सीन के कारण इस तरह की कोई अप्रत्याशीत घटना होती है तो उसे दुर्लभ मामला माना जाना चाहिए और मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना कहीं से कानूनी तौर पर सही नहीं माना जा सकता है।