पटना:बिहार में नीतीश सरकार की कार्यशाली को कोसते हुए लोकसभा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने 'ग्रेजुएट चायवाली' प्रियंका गुप्ता को अपना समर्थन देते हुए ऐलान किया है। जाप प्रमुख पप्पू यादव ने कहा है कि अगर पटना नगर प्रशासन ने प्रियंका गुप्ता की जब्त किये गये ठेले को सम्मान सहित वापस नहीं किया तो वह सरकार की ज्यादती के खिलाफ डायरेक्ट ऐक्शन को मजबूर हो जाएंगे।
सोशल मीडिया पर 'ग्रेजुएट चायवाली' प्रियंका गुप्ता की दुख भरी दास्तां वायरल होने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, "ग्रैजूएट चायवाली बिहार की आत्मनिर्भर बेटी है! वह हर बेटी की प्रेरणा है, उनका दुकान ज़ब्त करना। शासन-प्रशासन की बेईमानी है, गुंडागर्दी है! पटना नगर निगम शीघ्र ग्रैजूएट चायवाली बेटी का ठेला वापस करे, अन्यथा डायरेक्ट ऐक्शन के लिए मजबूर न करे!"
'एमबीए चायवाले' की तर्ज पर पटना के वीमेंस कॉलेज के पास 'ग्रेजुएट चाय वाली' नाम से चाय की दुकान चलाने वाली प्रियंका गुप्ता ने वीमेंस कॉलेज से चाय की स्टॉल को जब से बोरिंग रोड पर शिफ्ट किया है। पटना नगर निगम की निगाहें उनपर टेढ़ी हो गई। कुछ दिनों पहले भी नगर निगम ने प्रियंका के ठेले के जब्त किया था, लेकिन उस समय वो सीधे लालू प्रसाद यादव के दरबार में पहुंच गईं थी और लालू आवास से आदेश के बाद उनका ठेला वापस दे दिया था।
लेकिन उसके बाद प्रियंका के साथ फिर वही किस्सा हुआ और नगर निगम ने उनकी स्टॉल पर फिर धावा बोला और उनकी दुकान को जब्त कर लिया। जिसके बाद प्रियंका ने बीते सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि वो चाय के स्टॉल को बंद करने जा रही है क्योंकि पटना नगर निगम उन्हें बार-बार परेशान कर रहा है।
वीडियो में प्रियंका गुप्ता ने रोते हुए कहा, "आप सब तो मुझे जानते ही होंगे ग्रेजुएट चाय वाली। सो कॉल्ड ग्रेजुएट चाय वाली। हद भूल गए थे हम अपनी। मुझे लगा था कि हम बिहार में कुछ अलग कर रहे थे। अभी तो आप लोग सपोर्ट कर रहे थे न लेकिन हम अपनी हद भूल गए थे कि ये बिहार है बिहार। यहां लड़कियों की औकात इतनी होती है कि बस वो लोग किचन तक सीमित रहे, होना भी चाहिए। लड़कियों को आगे बढ़ने का कोई हक नहीं होता है।"
इसके साथ प्रियंका ने नगर निगम पर तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम के कमिश्नर सर से मुझे ठेला लगाने का परमिशन मिला था, उसके बाद भी बार-बार हमारे ठेले को टार्गेट किया जा रहा है। बार-बार मेरा ठेला उठा लिया जाचा है। अब हम इस सिस्टम से हार मान गए हैं। जिन-जिन लोगों ने हमारी मदद की, हमसे फ्रेंचाइजी ली है, हम सभी का पैसा वापस कर देंगे और ग्रेजुएट चाय वाली कंपनी भी बंद कर देंगे।