महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने (शनिवार 21 दिसंबर) कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से गैर- कानूनी रूप से भारत आए शरणार्थियों को बाहर निकाल कर फेंके जाने की जरूरत है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज ठाकरे ने कहा, "भारत कोई धर्मशाला नहीं है। जो लोग बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आ रहे हैं, उन्हें बाहर फेंके जाने की जरूरत है। भारत ने इंसानियत का ठेका नहीं ले रखा था।"
एएनआई के अनुसार, राज ठाकर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून से भारत पर बहुत बोझ बढ़ेगा। पहले ही भारत के खुद के लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं।
राज ठाकरे ने आगे कहा, "आप इस मुद्दे को हिन्दू और मुस्लिम की तरह नहीं ले सकते, जो भी भारत में गैर- कानूनी तरीके से रह रहा है, उन सभी को बाहर निकालने की जरूरत है। हम अपने देश के लोगों की जरूरतें पूरा नहीं कर पा रहे हैं फिर हमें दूसरे देशों के लोगों की जरूरत क्यों पड़ रही है।"
हालांकि ये कानून पक्षपातपूर्ण है। जिसके कारण मुस्लिम डर रहे हैं। उनकी डरने की एक वजह यह है कि वो सालों से इस देश में रहे हैं। 12 दिसंबर 2019 को संसद से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पास होने के बाद भारत के कई में हिस्सों में प्रदर्शन होना शुरू हो गए हैं।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनों में हो रही हिंसा से पश्चिम बंगाल, असम, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र समेत राजधानी दिल्ली तक प्रभावित है। सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है।