विंग कमांडर अभिनंदन की 58 घण्टे में हो गई घर वापसी लेकिन 54 भारतीय युद्धबंदी 48 सालों से हैं पाकिस्तान में कैद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2019 09:19 AM2019-03-06T09:19:50+5:302019-03-06T11:04:11+5:30

पिछले 48 वर्षों से 71 की जंग के युद्धबंदियों के परिजन उन्हें रिहा कराने के लिए गुहार लगाते आ रहे हैं। कई दफा प्रदर्शन किए गए और याचिकाएं दायर की गईं लेकिन नतीजा सिफर रहा। अब जब भारतीय विंग कमांडर को पाक ने रिहा किया है तो उन 54 युद्धबंदियों की रिहाई की बात भी जोर पकड़ने लगी है।

Pakistan releases Abhinand Varthaman, Now 1971 war prisoners should be released, Urges Captain Amarinder Singh | विंग कमांडर अभिनंदन की 58 घण्टे में हो गई घर वापसी लेकिन 54 भारतीय युद्धबंदी 48 सालों से हैं पाकिस्तान में कैद

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Image Source: Facebook/@indianarmy1971)

Highlights1971 की जंग में पाकिस्तान ने 54 भारतीय जवानों को बनाया था युद्धबंदीवर्षों से परिजन कर रहे मांग लेकिन नहीं आया कोई वापस, सरकार से दखल की गुहार

भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया लेकिन 1971 की जंग के यु्द्धबंदियों के बारे में उसके सिर पर जूं नहीं रेंग रही है।अभिनंदन की रिहाई के बाद वाघा बॉर्डर से उन्हें रिसीव करने वाले और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान 1971 के युद्धबंदियों की बात कबूले और उन्हें जल्द रिहा करे। इसी के साथ उन्होंने मोदी सरकार से भी आग्रह किया कि इस मामले पर सरकार पाकिस्तान से बात करे।

बता दें कि पिछले 48 वर्षों से 71 की जंग के युद्धबंदियों के परिजन उन्हें रिहा कराने के लिए गुहार लगाते आ रहे हैं। कई दफा प्रदर्शन किए गए और याचिकाएं दायर की गईं लेकिन नतीजा सिफर रहा। अब जब भारतीय विंग कमांडर को पाक ने रिहा किया है तो उन 54 युद्धबंदियों की रिहाई की बात भी जोर पकड़ने लगी है।

हाल में टीओआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक लापता लेफ्टिनेंट वसंत ताबे की पत्नी दमयंती तांबे ने कहा कि सरकार ने उनके पति को तलाशने के लिए कभी गंभीरता से कदम नहीं उठाया। दमयंती को शादी के डेढ़ साल बाद ही इस त्रासदी का सामना करना पड़ा था। वह दिल्ली के जवाहर लाल विश्वविद्यालय में खेल निदेशक रह चुकी हैं और दिल्ली में ही रहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने गुजरात के उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की है।

मालवा के कुछ परिवार भी 71 की जंग में अपने सदस्यों से दूर हो गए थे। ये लोग कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पाक पीएम इमरान से नजदीकि को देखते हुए उन्हें चिट्ठी लिखने पर विचार कर रहे हैं ताकि परिवार के सदस्यों को पाक रिहा कर दे। बठिंडा के हवलदार धर्मपाल सिंह को पहले शहीद मान लिया गया था लेकिन बाद में पता चला कि वह पाकिस्तान की जेल में हैं। उनके परिजन भी उनके आने की आस देख रहे हैं। इसी तरह फरीदकोट के सुजीत सिंह के घरवाले भी उनकी रिहाई की बाट जोह रहे हैं।

Web Title: Pakistan releases Abhinand Varthaman, Now 1971 war prisoners should be released, Urges Captain Amarinder Singh

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