पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी ट्रेन से सेना की आवाजाही का ब्यौरा हासिल करना चाहते थे, ISI के लिए करते थे काम
By भाषा | Published: June 2, 2020 05:15 AM2020-06-02T05:15:11+5:302020-06-02T05:15:11+5:30
पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी: विदेश मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा, ‘‘सरकार ने दोनों अधिकारियों को अवांछित करार दिया है और उनसे 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।’’
नई दिल्लीः जासूसी के आरोपों में भारत द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग के ‘अवांछित’ करार दिए गए दो अधिकारियों की मंशा रेलगाड़ियों से सेना की इकाइयों की आवाजाही का विस्तृत ब्यौरा हासिल करना था। यह जानकारी सोमवार को पुलिस ने दी। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि मध्य दिल्ली के करोल बाग से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को पकड़ा था। वे धन के बदले एक भारतीय नागरिक से भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि हुसैन कई फर्जी पहचान के माध्यम से काम करता है और संगठनों एवं विभागों के लोगों को लालच देता है। उसने भारतीय रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति से संपर्क साधने के लिए खुद को मीडियाकर्मी का भाई गौतम बताया।
अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि उसने यह कहकर विश्वास जीतने का प्रयास किया कि उसका भाई भारतीय रेलवे पर एक खबर कर रहा है जिसके लिए उसे रेलगाड़ियों की आवाजाही के बारे में सूचना चाहिए। बहरहाल, पुलिस ने बताया कि उसकी वास्तविक मंशा रेल कर्मचारी को लालच देना और जाल में फंसाना था और फिर रेलगाड़ियों के माध्यम से सेना की इकाइयों और साजो-सामान की आवाजाही के बारे में सूचना हासिल करना था।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा, ‘‘सरकार ने दोनों अधिकारियों को अवांछित करार दिया है और उनसे 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।’’ सूत्रों ने बताया कि अधिकारी पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा शाखा में काम करते थे और पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते थे।
सूत्रों ने यह भी बताया कि दस्तावेज मुहैया कराने के लिए दोनों अधिकारी उस व्यक्ति को भारतीय मुद्रा और आईफोन दे रहे थे। सूत्रों ने बताया कि शुरू में उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया और अपने फर्जी आधार कार्ड भी दिखाए। दिल्ली पुलिस ने 2016 में एक जासूसी गिरोह का भंडाफोड़ किया था जिसमें पाकिस्तान उच्चायोग का कर्मचारी महमूद अख्तर शामिल था। वह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ की तैनात के बारे में सूचना हासिल करने में संलिप्त था। भारत ने जासूसी करने के कारण उसे देश से निकाल दिया था।