एलओसी के पास पाकिस्तानी सैनिकों ने की गोलीबारी में एक जवान घायल
By सुरेश डुग्गर | Published: January 13, 2019 04:17 PM2019-01-13T16:17:34+5:302019-01-13T16:18:20+5:30
पाकिस्तान से सटी सीमाओं और एलओसी पर 26 नवम्बर 2003 में घोषित हुए सीजफायर के बाद से ही ये स्नाइपर एलओसी पर हमलों को अक्सर अंजाम देते रहे हैं जिनमें आधिकारिक तौर पर अभी तक सेना को 150 से अधिक के करीब जवानों को खोना पड़ा है।
पाक सेना के स्नाइपरो ंने एक बार फिर एलओसी पर स्नाइपर हमला कर एक जवान को जख्मी कर माहौल को गर्मा दिया है। पहले से ही एलओसी को पार कर सेना के कैम्प के पास आईईडी ब्लास्ट कर पाक सैनिक सभी सुरक्ष व्यवस्थाओं को धत्ता बता चुके हैं।
राजौरी जिले के केरी सेक्टर में पाकिस्तान ने रविवार दोपहर सीजफायर का उल्लंघन किया। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने भारतीय चौकियों को स्नाइपर बंदूकों से निशाना बनाया। जिसमें एक जवान के घायल होने की सूचना है। भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। सेना सूत्रों की माने तो पाकिस्तानी सेना आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए लगातार कवर फायर देकर मदद कर रही है। ऐसे में सीमा पर जवानों की चौकसी से पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम साबित हो रही है।
दरअसल पाकिस्तान से सटी सीमाओं और एलओसी पर 26 नवम्बर 2003 में घोषित हुए सीजफायर के बाद से ही ये स्नाइपर एलओसी पर हमलों को अक्सर अंजाम देते रहे हैं जिनमें आधिकारिक तौर पर अभी तक सेना को 150 से अधिक के करीब जवानों को खोना पड़ा है।
वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कांें के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थी।
फिर जब इसके प्रति जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी टेªनिंग दे रही थी। पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।
याद रहे एलओसी को गर्माने में पाक सेना का जबरदस्त हाथ है क्योंकि बीते दिनों राजौरी जिले के नौशहरा इलाके के लाम सेक्टर में शुक्रवार को दो आईईडी ब्लास्ट में एक मेजर समेत दो जवान शहीद हो गए। दो अन्य जवान घायल है। सेना की लाम बटालियन 2/1 जीआर के तीन जवान गश्त के दौरान आईईडी ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तीनों को अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। इनमें से एक जवान ने दम तोड़ दिया था।
उसी जगह शाम पौने छह बजे एक और आईईडी ब्लास्ट हुआ, जिसमें सेना के एक मेजर शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि आईईडी ब्लास्ट में सेना की एक जिप्सी भी उड़ गई है। शहीद मेजर की पहचान एस नायर और जवान की पहचान राइफलमैन जीवन गुरुंग के रूप में हुई थी। बताया जाता है कि इन धमाकों के पीछे पाक सैनिकों का हाथ था। सैन्य सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना ने पुखरणी इलाके में बैट टीम से आईईडी लगवाने के बाद कई आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिश की। ऐसा बताया जा रहा है कि जब एक के बाद एक आईईडी विस्फोट में मेजर व जवान शहीद हुए तो नियंत्रण रेखा के उस पार से आतंकवादियों के एक ग्रुप ने घुसपैठ का प्रयास किया। सूत्रों की मानें तो आतंकवादियों ने घुसपैठ के प्रयास के दौरान भारतीय सेना पर ग्रेनेड भी फेंके, हालांकि वे घुसपैठ में सफल नहीं हो पाए।