पाक ने फिर ड्रोन से सीमा पर गिराए हथियार, सुरक्षा अधिकारियों के लिए बना चिंता की वजह
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 22, 2024 04:13 PM2024-02-22T16:13:35+5:302024-02-22T16:23:13+5:30
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को गुरुवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास ड्रोन से गिराया गया। ड्रोन से हो रही है हथियारों की सप्लाई,
जम्मू: पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्रोन से हथियार गिराए गए हैं। हालांकि, बीएसएफ के जवानों द्वारा ड्रोन पर गोलीबारी करने से वह वापस पाकिस्तानी इलाके में वापस चला गया लेकिन हथियार गिराने की घटनाओं से अब सुरक्षाधिकारी परेशान होने लगे हैं।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को गुरुवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास ड्रोन से गिराया गया। इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मिला है। अधिकारी ने कहा कि आईईडी जीरो लाइन के पास मनियारी पोस्ट क्षेत्र में एक तलाशी अभियान के दौरान पाया गया था, जो बीएसएफ के जवानों ने सुबह एक पाकिस्तानी ड्रोन की आवाजाही देखी और उसे गिराने के लिए गोलीबारी करने के बाद शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट मिलने तक तलाशी अभियान जारी था। ऐसा माना जा रहा है कि ड्रोन पाकिस्तानी सीमा में लौट आया है, अधिकारी ने कहा, आगे के गांव में गिराए गए आईईडी की विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है।
अधिकारी ने माना कि अब इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर ड्रोन की उड़ानें बढ़ गई हैं। आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही जम्मू कश्मीरमें बड़े हथियारों और गोला बारूद का आना इसलिए संभव हुआ था क्योंकि एलओसी पर न ही तारबंदी थी और न ही इतनी संख्या में सैनिक कभी तैनात हुए थे। पर अब हालात बदले तो पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई व पाक सेना ने भी अपनी रणनीतिओं को बदल लिया।
नतीजतन आतंकियों के ‘खास पसंद’ और धमाके करने में आसान वाले हथियारों को वह वाया ड्रोन इस ओर भिजवा रही है। इनमें अभी तक हथगोले, टिफिन बम, प्रेशर कुकर बम, स्टिकी बम और छोटी छोटी आईईडी थी। पर अब इनमें परफ्यूम की बोलत टाइप के बोतल बम भी शमिल हो गए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि पाक सेना ने और भी कुछ आइटमों को छोटे बमों में बदला है जिनकी पहचान कर पाना आसान नहीं है।
और अब सुरक्षाबलों के लिए परेशानी यह है कि वह ड्रोन की उड़ानों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक, दरअसल एलओसी के इलाकों में पाक सेना ऐसे चीन निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल करने लगी है, जो न ही आवाज करते हैं और न ही कोई रोशनी उनमें होती है। यह भी बताया जा रहा है इनमें से कई राडार की पकड़ में भी नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ड्रोन बरामद भी हो चुका है। यह याद रखने योग्य तथ्य है कि पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में आतंकवाद का चेहरा जरूर पूरी तरह से बदल गया है जो अब सोशल मीडिया और ड्रोन से ही संचालित हो रहा है।