पाक-चीन सीमा पर तैनात किए जाएंगे 18-18 राफेल, भारतीय वायुसेना पलक झपकते ही दुश्मनों के मंसूबों पर फेर देगी पानी
By रामदीप मिश्रा | Published: October 10, 2019 08:10 AM2019-10-10T08:10:36+5:302019-10-10T08:10:36+5:30
36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाएंगे।
भारतीय वायुसेना के लिये फ्रांस से खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में पहला विमान भारत को सौंप दिया गया है, लेकिन अभी राफेल को भारत में आने में वक्त लगेगा। बताया जा रहा है कि इन राफेल विमानों की तैनाती पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर की जाएगी और दोनों ही देशों की सीमाओं पर बराबर की संख्या में तैनाती होगी।
खबरों के मुताबिक, 18 राफेल विमानों की तैनाती अंबाला वायुसेना बेस पर होगी, वहीं 18 विमानों की पश्चिम बंगाल के हाशिमारा बेस पर होगी। राफेल मिलने की वजह से भारतीय वायुसेना की ताकत में बेजोड़ इजाफा होगा और वह दुश्मनों से आंख में आंख मिलाकर बात करने में सक्षम होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राफेल विमानों की तैनाती अंबाला वायुसेना बेस और हाशिमारा बेस पर किसी भी चुनौती से निपटने के मद्देनजर की जाएगी। हालांकि अभी राफेल के पहुंचने में वक्त लगेगा क्योंकि वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण प्राप्त करना है। इसके बाद पहला विमान भारत में आएगा।
उम्मीद जताई गई है कि 36 लड़ाकू विमानों में से 18 विमान फरवरी 2021 तक सौंप दिये जाएंगे, जबकि शेष विमान अप्रैल-मई 2022 तक सौंपे जाएंगे। फ्रेंच शब्द राफेल का अर्थ आंधी है। इस नाम को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि विमान अपने नाम को सार्थक करेगा। 'आरबी001' राफेल वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम का संक्षिप्त रूप है।
राफेल लड़ाकू विमानों का यह संस्करण विशेष रूप से भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। भारत ने 59,000 करोड़ रूपये के सौदे के तहत सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीद का ऑर्डर दिया था। यह विमान बड़ी मात्रा में शक्तिशाली हथियार और मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं।