लाइव न्यूज़ :

Pahalgam Terror Attack: धर्म पूछकर हत्या..., कश्मीर में पहली बार नहीं कई बार हुआ ऐसा नरसंहार; पढ़ें कब-कब हिंदूओं पर हुआ हमला

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 23, 2025 12:57 IST

Pahalgam Terror Attack:  1993 में किश्तवाड़ जिले के सरथल इलाके में मुस्लिम आतंकवादियों ने 16-17 हिंदू बस यात्रियों की हत्या कर दी थी।

Open in App

Pahalgam Terror Attack:  पहलगाम के बसारन टूरिस्ट स्पाट पर धर्म पूछ और जांच कर हत्याएं करने का वाक्या पहला नहीं है कश्मीर में। इसकी शुरूआत आज से 32 साल पूर्व उस समय शुरू हुई थी जब आतंकियों ने पहली बार किश्तवाड़ कस्बे के सरथल इलाके में एक यात्री बस में सवार लोगों में से 17 हिन्दुओं को अलग कर उनकी जांच कर मौत के घाट उतार दिया था।

तब यह पहला सबसे बड़ा नरसंहार था जम्मू कश्मीर में और पहली ऐसी घटना जिसमें आतंकियों ने स्पष्ट कर दिया थाि क वे कश्मीर में आजादी की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वे धर्म के नाम पर मारकाट मचाने आए हैं। हालांकि तब भी इसे विदेशी आतंकियों ने अंजाम दिया था और कल भी 28 टूरिस्टों को मारने वाले विदेशी आतंकी ही थे।

किश्तवाड़ की घटना के उपरांत धर्म पूछ कर और जांच कर हत्याएं करने का जो सिलसिला जम्मू कश्मीर में शुरू हुआ उसमें 136 नरसंहारों को भूला नहीं जा सकता जिन्हें आज तक आतंकी अंजाम दे चुके हैं। इन नरसंहारों में हालांकि एक दो को छोड़ कर सभी में निशाना हिन्दू ही थे।

हालांकि वर्ष 2006 के उपरांत ऐसे नरसंहारों में थोड़ी बहुत ब्रेक लगी थी लेकिन वर्ष 2023 में एक जनवरी की रात आतंकवादियों ने राजौरी जिले के डांगरी गांव में सात हिन्दुओं के आधार कार्ड जांच कर मार डालने की घटना ने एक बार फिर अधिकारियों को चौंका दिया था।

इतना जरूर था कि इन 136 के करीब नरसंहारों में उनके निशाने अधिकतर प्रदेश के ही निवासी थे पर अब करीब सवा दो साल के उपरांत एक बार फिर आतंकियों ने पहलगाम में हिन्दुओं की पहचान कर 28 को मार डाला और पूरे हिन्दुस्तान को जख्म दिया है क्योंकि मृतकों में एक स्थानीय को छोड़कर बाकी पूरे देश से संबंध रखने वाले थे।

वर्ष 1993 से लेकर आज तक जम्मू कश्मीर में हुए हिन्दुओं के बड़े नरसंहारक्रमांक                                                    दिनांक                                                                नरसंहार का विवरण 1.    13-14  अगस्त 1993    -डोडा जिले के किश्तवाड़ कस्बे में सरथल-किश्तवाड़ मार्ग पर                 यात्री बस में से उतार कर सत्रह हिन्दू यात्रियों को मार डाला।     2.    14 मई 1995                                                                           -दोहरी भरथ में छह हिन्दुओं की हत्या।3.    5 जनवरी 1996    -डोडा जिले के किश्तवाड़ कस्बे के बरशाला में 16 हिन्दुओं की हत्या।4.    12 जनवरी 1996    -डोडा जिले के भद्रवाह कस्बे में सात हिन्दुओं की हत्या।5.    6 मई 1996    -डोडा की रामबन तहसील के सुम्बर गांव में 17 हिन्दुओं की  हत्या।6.    7-8 जून 1996    -डोडा जिले के कमलाड़ी गांव में 9 हिन्दुओं की हत्या।7.    25 जून 1996    --डोडा के सियुधार क्षेत्र में 13 की हत्या।8.    7 अप्रैल 1997    -कश्मीर घाटी के संग्रामपुरा गांव में 7 कश्मीरी पंडितों की हत्या।9.    24 सितम्बर 1997    -राजौरी जिले के सवाड़ी गांव में आठ हिन्दुओं की हत्या।10.    26 जनवरी 1998    -कश्मीर के वंदहामा गांव में 23 कश्मीरी पंडितों की हत्या।11.    6 अप्रैल 1998    -डोडा के देस्सा क्षेत्र में नौ की हत्या।12.    17 अप्रेल 1998    -उधमपुर के प्राणकोट व ढाकीकोट गांवों में 29 लोगों की हत्या।13.    5 मई 1998    -पुंछ के सुरनकोट क्षेत्र में पांच हिन्दुओं की हत्या।14.    6 मई 1998    -डोडा के देस्सा गांव में 11 सुरक्षा समिति के हिन्दू सदस्यों की  हत्या।              15.    19 जून 1998    -डोडा के चम्पनारी में 29 हिन्दू बारातियों की हत्या। 3 दूल्हे भी  शामिल। 16.    27 जुलाई 1998    -डोडा में किश्तवाड़ के छिन्नाठकुराई व श्रवण गांवों में 20 हिन्दुओं  की हत्या।17.    28 जुलाई 1998    -डोडा के सरवान क्षेत्र में आठ लोगों की हत्या।18.    19 फरवरी 1999    -राजौरी जिले के बल-चराल गांव में नौ हिन्दू बारातियों की हत्या।19.    19 फरवरी 1999    -राजौरी में कालाकोट क्षेत्र के बनियारी में 10 हिन्दुओं की हत्या।20.    29 जून 1999    -अनंतनाग के संथू गांव में 12 बिहारी श्रमिकों की हत्या कर दी।21.    1 जुलाई 1999    -मेंढर के आड़ी गांव में दो हिन्दू परिवारों के नौ सदस्यों की हत्या। 22.    19 जुलाई 1999    -डोडा के ठाठरी गांव में 5 हिन्दू परिवारों के 15 सदस्यों की हत्या।23.    28 फरवरी 2000    -पुंछ के मेंढर कस्बे में 5 हिन्दुओं की हत्या।24.    29 फरवरी 2000    -काजीगुंड में पांच सिख ट्रक चालकों की हत्या।25.    20 मार्च 2000    -कश्मीर के छत्तीसिंह पोरा में 36 सिखों की हत्या।26.    1 अगस्त 2000    -पहलगाम में 32 लोगों की हत्या। इनमें 29 अमरनाथ यात्री भी  शामिल।27.    2 अगस्त 2000    -डोडा के बनिहाल कस्बे में पोगल में 12 हिन्दुओं की हत्या।28.    2 अगस्त 2000    -अनंतनाग के अच्छाबल में आठ प्रवासी श्रमिकों की हत्या।29.    2 अगस्त 2000    -अनंतनाग के काजीगुंड में उन्नीस प्रवासी श्रमिकों की हत्या।30.    22 नवम्बर 2000    -बनिहाल में राजमार्ग पर पांच हिन्दू-सिख ट्रक ड्राइवरों की हत्या।31.    24 नवम्बर 2000    -डोडा के किश्तवाड़ कस्बे में पांच हिन्दुओं की हत्या।32.    3 फरवरी 2001    -श्रीनगर के महजूर नगर में 8 सिखों की हत्या।33.    10 मई 2001    -किश्तवाड़ के अठोली-पाडर के सजार कस्बे में 8 हिन्दुओं की गला रेत की हत्या।34.    21 जुलाई 2001    -अमरनाथ यात्रा के पड़ावस्थल शेषनाग में सात तीर्थयात्रियों सहित 13  की हत्या।35.    21 जुलाई 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील के छात्रू क्षेत्र में पांच हिन्दुओं की हत्या।36.    21 जुलाई 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील में वाडवान क्षेत्र में चिरजी मोहड़ा             गांव में पन्द्रह हिन्दुओं की हत्या।37.    4 अगस्त 2001    -डोडा जिले की किश्तवाड़ तहसील के सरूतधार क्षेत्र में 16 हिन्दुओं  की हत्या।38.    1 जनवरी 2002     -पुंछ के मगनार गांव में एक हिन्दू परिवार के 6 सदस्यों की हत्या। 39.    31 जनवरी 2002    -उधमपुर के रियासी कस्बे में चार प्रवासी श्रमिकों की हत्या।40.    17 फरवरी 2002       -राजौरी के कालाकोट क्षेत्र के निराला गांव में एक हिन्दू परिवार के 8 सदस्यों की हत्या।41.    30 मार्च 2002    -जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर हमला कर 8 हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया गया।42.    8 अप्रैल 2002    -उधमपुर के अरनास गांव में सात हिन्दुओं की सामूहिक हत्या।43.    14 मई 2002    -जम्मू के कालूचक में भीषण नरसंहार में 34 हिन्दुओं की हत्या।44.    15 जून 2002    -डोडा के किश्तवाड़ क्षेत्र में एक धार्मिक यात्रा पर हमला बोल पांच हिन्दुओं तथा दो मुस्लिमों की हत्या।45.    16 जून 2002    -उधमपुर के बडर गांव में एक ही हिन्दू परिवार के पांच सदस्यों की हत्या।46.    13 जुलाई 2002    -जम्मू के कासिम नगर में नरसंहार में 29 लोगों की मौत। मरने वाले  सभी प्रवासी श्रमिक थे।47.    6 अगस्त 2002    -नुनवान-पहलगाम में अमरनाथ श्रद्धालुओं का नरसंहार 10 मरे।48.    23 नवम्बर 2002    -रघुनाथ मंदिर पर हुए दूसरे आत्मघाती हमले में कुल 14 लोग मरे।  इनमें 11 नागरिक, एक सुरक्षाकर्मी व दो आतंकवादी शामिल हैं।        मरे। इनमें 15 पुलिसकर्मी और दो नागरिक थे।49.    23 मार्च 2003    -कश्मीर के पुलवामा जिले में छोपियां के पास नाड़ीमर्ग गांव में  आतंकवादियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या की।50.    30 अप्रैल 2006    -उधमपुर के बसंतगढ़ में सात हिन्दुओं और डोडा के कुलहान इलाके में  22 हिन्दुओं की हत्या।

टॅग्स :आतंकी हमलाजम्मू कश्मीरKashmir Tourism Development Corporationआतंकवादी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक