"दो बच्चों की नीति" की मांग को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि इस देश में असली समस्या मुसलमानों की जनसंख्या नहीं बल्कि बेरोजगारी है। तेलंगाना नगर निगम चुनाव से पहले निजामाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह बताएं कि इस सरकार ने देश में कितने युवाओं को नौकरी दी है।
ओवैसी ने सभा के दौरान कहा, "तुम्हे शर्म आनी चाहिए! मेरे दो से अधिक बच्चे हैं और कई भाजपा नेताओं के दो से अधिक बच्चे हैं। आरएसएस ने हमेशा इस बात को बनाए रखा है कि मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करना है। इस देश की असली समस्या बेरोजगारी है, न कि मुसलमानों की जनसंख्या है।''
नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान नौकरियों की कमी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "बेरोजगारी के मुद्दों पर साल 2018 में 36 युवाओं ने प्रतिदिन आत्महत्या की।"
ओवैसी ने इस कार्यक्रम के दौरान ये भा कहा, “आज भारत में जनसांख्यिकीय लाभांश से किसी अन्य देश की तुलना नहीं की जा सकती है। आप पांच वर्षों के कार्यकाल में किसी को नौकरी नहीं दे सकते। यही कारण है कि आरएसएस 'दो बच्चों की नीति' लाने पर जोर दे रहा है। भारत में 60 प्रतिशत लोगों की आयु 40 वर्ष से कम है।"
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि देश के समुचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए दो बच्चों के लिए कानून लाया जाना चाहिए। इशके अलावा उन्होंने कहा कि उनके संगठन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और वह देश के नैतिक, सांस्कृतिक और मानव मूल्यों के उत्थान के लिए काम करता है। आरएसएस प्रमुख, स्वयंसेवकों के चार दिवसीय कार्यक्रम के सिलिसिले में यहां आये हुए हैं।
यहां एक मैदान में कार्यक्रम के समापन पर एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए भागवत (69) ने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग इस संगठन का हिस्सा हैं जबकि कुछ लोग राजनीतिक पार्टियां भी चलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव से हमारा कोई मतलब नहीं है। हम पिछले 60 सालों से देश के मूल्यों को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि आरएसएस भाजपा को रिमोट कंट्रोल से चला रही है और कहा कि यह संगठन सभी 130 करोड़ भारतीयों के लिए काम कर रहा है।