नई दिल्ली, 16 सितंबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) ने एक दूसरे का दामन थामने का निर्णय लिया है। दोनों की पार्टी ने 2019 में लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन करेगी। गठबंधन को लेकर पार्टी नेताओं ने शनिवार को यह घोषणा भी कर दी है।
एआईएमआईएम प्रमख असदुद्दीन औवेसी ने इस गठबंधन को लेकर कहा है कि दोनों ही पार्टियों के बीच आरंभिक बातचीत में सकारात्मक परिणाम आए हैं। प्रकाश आंबेडकर इसको लेकर आगामी दो अक्टूबर को औरंगाबाद में एक अहम जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जमसभा में मैं खुद भी उपस्थित रहूंगा। उन्होंने ये भी बताया कि इस गठबंधन के औपचारिक स्वरूप की घोषणा बाद में की जाएगी।
औरंगाबाद से एआईएमआईएम विधायक इम्तियाज जलील ने कहा है कि गठबंधन का विचार 70 सालों से उपेक्षित दलितों, मुस्लिमों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को साथ लाना है। एक बाद साफ है कि ये गठबंधन दो वर्गों के वोटों को हासिल करने के लिए किया गया है। खैर ये तो वक्त बताएगा कि ये गठबंधन बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचाता है।
लेकिन उससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने शनिवार को भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) नेता प्रकाश आंबेडकर से कहा कि उन्हें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बीबीएम और असदुद्दीन औवेसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने दिन में घोषणा की थी वे 2019 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन करेंगे।
चव्हाण ने यहां पत्रकारों से कहा कि भाजपा तथा शिवसेना का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) समान विधारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों का एक महागठबंधन बनाना चाहती है।उन्होंने कहा,हम गठबंधन में आंबेडकर को शामिल करना चाहते हैं। उन्हें एआईएमआईएम के साथ गठबंधन की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।(इनपुट-भाषा)