मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर गरमायी सियासत के बीच जदयू ने दी सफाई, कहा- भाजपा नेताओं के साथ हमारे बहुत गहरे रिश्ते रहे हैं
By एस पी सिन्हा | Published: October 19, 2023 07:35 PM2023-10-19T19:35:54+5:302023-10-19T19:40:55+5:30
बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं के साथ हमारे बहुत गहरे रिश्ते रहे हैं, आज भी उनसे रिश्ता है और अब भी उनसे बात होती रहती है।
पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भाजपा से प्रेम दिखाए जाने पर राज्य की सियासत गर्मा गई है। नीतीश कुमार ने कहा कि वे जब तक जिंदा है, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी। उसके बाद राजद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार वो दिन भूल गये जब हाथ जोड़ कर नरेंद्र मोदी के सामने गिड़गिड़ा रहे थे। लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनकी मांग पूरी नहीं की थी। इसके बाद मचे सियासी घमासान के बीच नीतीश कुमार के खास मंत्री विजय चौधरी शाम में मीडिया से बात कर सफाई देने के लिए सामने आए।
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा नेताओं के साथ हमारे बहुत गहरे रिश्ते रहे हैं, आज भी उनसे रिश्ता है और अब भी उनसे बात होती रहती है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने भाजपा नेताओं को कहा था कि आपसे पुराना रिश्ता रहा है और वह रिश्ता बना रहेगा। नीतीश कुमार ने कौन सी गलत बात कही है? विजय चौधरी ने कहा कि जहां तक दोस्ती की बात है, भाजपा नेताओं से हमारी दोस्ती है ही।
उन्होंने कहा कि आज हम लोग अलग हो गए हैं तो भाजपा नेताओं से हमारी बात नहीं होती है क्या? होती है उनसे बातचीत। अच्छे अच्छे दोस्त हैं मेरे भाजपा में। कोई राजनीतिक समर्थन या विरोध होने से व्यक्तिगत रिश्ते ना टूटते हैं और ना गहरे हो जाते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह बिल्कुल स्पष्ट है। वैसे मोतिहारी में नीतीश कुमार ने मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का श्रेय नरेंद्र मोदी की सरकार को दिया था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकिन फैक्ट को सामने रखा था। नीतीश कुमार ने तो तथ्य को सामने रखा, उसमें कहीं कोई गलत बात नहीं है। हालांकि विजय चौधरी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के बयान का राजनीतिक मतलब निकाला नहीं जाना चाहिए। बिहार में जदयू और राजद के बीच कोई मतभेद नहीं है। दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ ठीक है, तभी सभी जिलों में कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है। अगर नीतीश कुमार का व्यक्तिगत रिश्ता भाजपा नेताओं से है तो उसे राजनीतिक रिश्ते के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।