अर्धसैनिक बलों के 81,000 से अधिक कर्मियों ने 2011-20 के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

By भाषा | Updated: July 16, 2021 16:28 IST2021-07-16T16:28:19+5:302021-07-16T16:28:19+5:30

Over 81,000 personnel of paramilitary forces took voluntary retirement between 2011-20 | अर्धसैनिक बलों के 81,000 से अधिक कर्मियों ने 2011-20 के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

अर्धसैनिक बलों के 81,000 से अधिक कर्मियों ने 2011-20 के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

(अचिंत बोरा)

नयी दिल्ली, 16 जुलाई केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसे अर्धसैनिक बलों के 81,000 से अधिक कर्मियों ने पिछले एक दशक में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। इनमें से अधिकतम 11,000 से अधिक कर्मियों ने 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2011 और 2020 के बीच 15,904 कर्मियों ने भी अपने-अपने संगठनों से इस्तीफा दे दिया। वर्ष 2013 में सबसे अधिक 2,332 कर्मियों ने इस्तीफा दिया।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा अब तक ऐसी सेवानिवृत्ति या इस्तीफे के कारणों का पता लगाने के लिए कोई विशेष अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन स्वयं बलों द्वारा किए गए एक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि व्यक्तिगत और पारिवारिक मुद्दे, स्वास्थ्य कारण और बेहतर करियर के अवसर कुछ मुख्य कारणों में शामिल हैं।

आंकड़े छह अर्धसैनिक बलों अर्थात् सीआरपीएफ, बीएसएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और असम राइफल्स से संबंधित हैं। आंकड़ों के अनुसार, 2011 से अब तक इन बलों के कुल 81,007 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है।

सभी बलों में सबसे अधिक - 36,768 कर्मियों ने पिछले एक दशक में बीएसएफ से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, इसके बाद सीआरपीएफ (26,164 कर्मी), सीआईएसएफ (6,705), असम राइफल्स (4,947), एसएसबी (3,230) और आईटीबीपी (3,193) शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, 10 वर्षों में इस्तीफा देने वाले 15,904 कर्मियों में सबसे अधिक सीआईएसएफ (5,848), इसके बाद बीएसएफ (3,837), सीआरपीएफ (3,366), आईटीबीपी (1,648), एसएसबी (1,031) और असम राइफल्स (174) हैं।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वालों में, 2017 में सबसे अधिक 11,728 कर्मियों ने यह कदम उठाया, इसके बाद 2011 में 11,260 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। वर्ष 2012 में यह संख्या 10,859 थी, 2013 में 9,355, 2014 में 5,931 और 2015 में 1,686 और 2016 में कुल मिलाकर 6,981 थी। दशक के अंतिम तीन वर्षों 2018 में 8,132 कर्मियों, 2019 में 7,611 और 2020 में 5,935 कर्मियों ने वीआरएस लिया।

दस वर्षों में इस्तीफा देने वाले कुल 15,904 कर्मियों में सबसे ज्यादा 2,332 कर्मियों ने 2013 में, 2015 में 2,026, 2014 में 1,931, 2012 में 1,768, 2018 में 1,673, 2017 में 1,535, 2019 में 1,364, 2016 में 1,144, 2011 में 1,122 और 2020 में 877 कर्मियों ने यह कदम उठाया।

सीआरपीएफ को आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवादियों तथा उग्रवादियों के खिलाफ अभियान के अलावा नक्सल विरोधी अभियानों में सहायता के लिए तैनात किया जाता है। बीएसएफ मुख्य रूप से आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों के अलावा भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात है।

सीआईएसएफ को मुख्य रूप से हवाई अड्डों, मेट्रो सेवाओं, परमाणु और प्रमुख औद्योगिक संयंत्रों और सरकारी भवनों जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात किया जाता है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है, जबकि एसएसबी भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की रक्षा करता है।

असम राइफल्स भारत-म्यांमा सीमा की रक्षा करती है और पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में तैनात है।

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Web Title: Over 81,000 personnel of paramilitary forces took voluntary retirement between 2011-20

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