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'विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है', पीएम मोदी ने लोकसभा में दिया जवाब

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 10, 2023 17:23 IST

पीएम ने कहा कि विपक्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था और अब भी लेकर आया है। पीएम ने कहा कि मैंने उस समय भी कहा था कि ये विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है, इस बार भी यही स्थिति है।

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ठळक मुद्देअविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन पीएम मोदी ने दिया जवाबकहा- विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता हैकहा- ये हमारा नहीं विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है

Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। पीएम ने कहा कि विपक्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था और अब भी लेकर आया है। पीएम ने कहा कि मैंने उस समय भी कहा था कि ये विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है, इस बार भी यही स्थिति है। 

पीएम मोदी ने कहा, "देश की जनता ने जो बार-बार हमारी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है, उसका आभार व्यक्त करता हूं। कहते हैं कि भगवान बहुत दयालु है। वो किसी न किसी के माध्यम के अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। किसी ने किसी को माध्यम बनाता हूं। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को सुझाया और वो प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी ये ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे।"

पीएम ने कहा कि  ये विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है, हमारा नहीं। जनता के आशीर्वाद से फिर से हमारी सरकार बनेगी। राजनीति आपके लिए प्राथमिकता है, आपने कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा नहीं की। देश की जनता ने जिस काम के लिए भेजा है, यह उसके साथ विश्वासघात है।

विपक्षी एकता पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, "आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे और अपने कट्टर भ्रष्ट साथी उनकी शर्त पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। ये हाल है आपका। मजा इस डिबेट का। फील्डिंग विपक्ष ने की लेकिन चौके-छक्के सत्ता पक्षी की तरफ से लगे। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल फेंक रहा है। इधर से सेंचुरी लग रही है।"

कई महत्वपूर्ण बिलों पर विपक्ष की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, "कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, पिछड़ों, आदिवासी के कल्याण की चर्चा के लिए थे। उनके भविष्य से जुड़े हुए थे। लेकिन इसमें उनकी कोई रुचि नहीं थी। देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको भेजा है, उस जनता के साथ भी उन्होंने विश्वासघात किया है। विपक्ष ने अपने आचरण से अपने व्यवहार से ये सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है बल्कि सत्ता की भूख आपके दिमाग में सवार है। आपको अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है।"

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