तमिलनाडु के विपक्षी दलों ने विवादित कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग की
By भाषा | Published: January 26, 2021 07:02 PM2021-01-26T19:02:32+5:302021-01-26T19:02:32+5:30
चेन्नई, 26 जनवरी तमिलनाडु में विपक्षी दलों ने मंगलवार को दिल्ली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प पर चिंता प्रकट की और केंद्र से प्रदर्शनकारियों के साथ वार्ता करने का अनुरोध किया। साथ ही, तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने की भी मांग की।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता के नाम पर ‘नौटंकी’ करने के लिए केंद्र की आलोचना की और आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के साथ बात करनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे पर केंद्र के रुख के कारण राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा की घटनाएं हुई।
स्टालिन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसानों को अहसास होना चाहिए कि हिंसा से सरकार की विभाजनकारी राजनीति को ही फायदा होगा। दोनों पक्षों को लोकतांत्रिक नियम-कायदे के भीतर समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।’’
एमडीएमके संस्थापक और राज्यसभा सदस्य वाइको ने किसानों पर लाठियां चलाने के लिए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा और तीनों कानूनों को वापस नहीं लेने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने एक बयान में कहा कि केंद्र को मामले पर अड़ियल रुख नहीं अपनाना चाहिए।
विदुतलाई चिरुतईगल काची (वीसीके) संस्थापक और लोकसभा सदस्य टी तिरुमावलवन और तमिझागा वजवुरिमई काची नेता टी वेलुरुगन ने भी दिल्ली में किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़े जाने की आलोचना की।
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