केरल विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए, जानिए पूरा मामला
By अनिल शर्मा | Published: February 18, 2022 11:23 AM2022-02-18T11:23:15+5:302022-02-18T11:27:26+5:30
सत्र शुरू होने पर राज्यपाल अभिभाषण देने के लिए जैसे ही विधानसभा कक्ष में दाखिल हुए तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें बैनर दिखाए जिसमें लिखा हुआ था कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को बचाने के लिए लोकायुक्त अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए।
तिरुवनंतपुरमः केरल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हंगामे के साथ हुई। विपक्षी कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ ‘‘वापस जाओ’’ के नारे लगाए और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बाद धरना दिया। सत्र शुरू होने पर राज्यपाल अभिभाषण देने के लिए जैसे ही विधानसभा कक्ष में दाखिल हुए तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें बैनर दिखाए जिसमें लिखा हुआ था कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को बचाने के लिए लोकायुक्त अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए।
वाम सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश की वजह से हाल में राज्य में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ था। विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए दावा किया है कि इससे भ्रष्टाचार रोधी संस्था कमजोर होगी। जब विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कुछ कहने की कोशिश की तो नाराज प्रतीत हो रहे खान ने कहा कि यह प्रदर्शन का वक्त नहीं है।
#WATCH | Kerala: Opposition party members staged a walkout from the State Assembly alleging "unholy alliance between the Governor & the ruling party CPIM"
— ANI (@ANI) February 18, 2022
Video Source: Kerala Legislative Assembly pic.twitter.com/cJAH19treU
विपक्ष के नेता को ‘‘जिम्मेदार व्यक्ति’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके सामने विधानसभा का सत्र है जहां सभी मु्द्दों पर चर्चा की जा सकती है। नारेबाजी को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने नीति दस्तावेज पढ़ना भी शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही अभिभाषण शुरू हुआ तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया और बाहर सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन की पुनर्नियुक्ति और केरल लोकायुक्त अधिनियम, 1999 में संशोधन के संबंध में एक विवादास्पद अध्यादेश के लिए राज्यपाल की सहमति पर चर्चा की मांग की। उधर, कर्नाटक विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायकों ने रात भर विरोध किया और राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा के भगवा ध्वज वाले बयान को लेकर इस्तीफा देने की मांग की।