ओमप्रकाश राजभर फिर भाजपा के साथ जाएंगे? जानें राजनीतिक गलियारों में क्यों है अटकलें तेज
By विनीत कुमार | Published: December 20, 2022 01:24 PM2022-12-20T13:24:08+5:302022-12-20T13:26:41+5:30
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के एक बार फिर भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ने की चर्चा तेज हो गई है। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा उन्हें अटल बिहार वाजपेयी फाउंडेशन का सह-अध्यक्ष बनाया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और भाजपा के एक साथ आने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को दरअसल अटल बिहार वाजपेयी फाउंडेशन का सह-अध्यक्ष बनाया है। सुभासपा चीफ ने उपमुख्यमंत्री से उनके आवास पर सोमवार को मुलाकात की थी।
इस मीटिंग के बाद ही ब्रजेश पाठक ने ओम प्रकाश राजभर को अटल बिहार वाजपेयी फाउंडेशन का को-चेयरमैन नियुक्त किया। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट बैठक चली और कई मुद्दों पर बात भी हुई।
भाजपा के साथ जाने की अटकलों पर क्या बोले राजभर
राजनीतिक गलियारों में जारी चर्चा के बीच राजभर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। राजभर ने कहा कि यह एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम है। इसमें सभी की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह एक राजनीतिक मंच नहीं है, और हम राजनीतिक लोग हैं। इसे अलग तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए।'
ओपी राजभर अटल बिहारी वाजपेयी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी ब्रजेश पाठक के साथ शामिल हुए।
श्रद्धेय पं० अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा भारत रत्न श्रद्धेय पं० अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले "अखिल भारतीय कवि सम्मेलन" की तैयारियों की बैठक में माननीय उपमुख्यमंत्री श्री @brajeshpathakup जी के साथ शामिल हुआ। pic.twitter.com/NtxEyvKSng
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) December 19, 2022
बहरहाल, राजभर के ताजा कदम को उनके बीजेपी के करीब आने की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले गठबंधन की बात करते हुए राजभर ने कहा था कि राजनीति में अगला कदम क्या होगा या किसके साथ गठबंधन होगा ये कोई नहीं जानता है। राजभर ने कहा था, 'क्या कभी बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन की संभावना थी?'
यूपी चुनाव-2022 के बाद सपा से अलग हुए थे राजभर
राजभर ने यूपी चुनाव-2022 को समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि, इसके बाद से वे सपा से दूरी बनाते नजर आए हैं। पिछले कई महीनों से राजभर सपा और इसके मुखिया अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते नजर आए हैं। साथ ही कुछ मौकों पर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की है।